पटना, हिब्यू। मध्याह्न भोजन योजना के तहत केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार को 1470 करोड़ राशि देगी। राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन एक करोड़ तीन लाख बच्चों के भोजन देने को लेकर भी केंद्र ने सहमति दी है। दिल्ली में गुरुवार को प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है।
मालूम हो कि मध्याह्न भोजन योजना में केंद्र सरकार का हिस्सा 60 और राज्य सरकार का 40 प्रतिशत होता है। इस तरह 1470 करोड़ की राशि केंद्र सरकार देगी तो राज्य का अपने हिस्सा का 980 करोड़ खर्च करेगी। इस तरह कुल 2450 करोड़ खर्च होंगे। हालांकि, राज्य सरकार 40 प्रतिशत अपनी हिस्सेदारी के अलावा रसोइयों को
मानदेय के लिए अलग से भी राशि खर्च करती है। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक करोड़ नौ लाख बच्चों के लिए की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दी थी। इस तरह देखें तो इस साल छह लाख कम बच्चों की स्वीकृति मिली है। इस संबंध में पदाधिकारी बताते हैं कि चूकि आधार नंबर के साथ स्कूलों में नामांकन अनिवार्य किया गया है, जिससे दोहरे नामांकन में कमी आई है।