स्कूली बच्चों को आवारा कुत्तों से सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अब प्रधानाध्यापकों को दी गई है। सरकारी व निजी स्कूलों में बच्चों को कुत्तों से सावधान रहने के साथ ही कुत्ता काटने पर होने वाली बीमारियों और खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिलों को पत्र भेजा गया है। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसके आधार पर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को पत्र भेजकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रधानाध्यापकों को अलर्ट किया है। बच्चों को कुत्तों से बचाने के लिए निदेशालय ने सभी स्कूलों में जरूरी
एहतियात बरतने का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि स्कूल से निकले एमडीएम (मध्याह्न भोजन) के अवशेष को परिसर से दूर कूड़ा फेंकने वाले स्थान पर ही फेंका जाए, जिससे कुत्ते परिसर से दूर ही रहें। शहर के कई
मोहल्लों में कुत्तों का आतंक है। पिछले साल मिठनपुरा के शिवशंकर लेन में आवारा कुत्तों ने एक चार साल की बच्ची को नोंच कर मार डाला था। वह अपनी मां के साथ जा रही थी। उसके हाथ में बिस्किट था, जिसे देखकर कुत्तों ने हमला कर दिया था। मां के सामने ही कुत्तों ने मासूम को नोंच कर लहूलुहान कर दिया। बनारस बैंक चौक, नीम चौक, अखाड़ाघाट सहित कई इलाकों में कुत्तों का झुंड दिनभर सड़क पर रहता है। इससे राहगीर डरे रहते हैं। मौका देखकर आवारा कुत्ते हमला भी कर देते हैं। रात के समय डर से लोग राह बदलकर जाते हैं।
