डोमिसाइल नीति के खिलाफ अभ्यर्थियों ने उठायी आवाज
विजयीपुर, बिहार की डोमिसाइल नीति को लेकर छात्रों और अभ्यर्थियों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। रविवार को स्थानीय प्रखंड कार्यालय परिसर में सैकड़ों अभ्यर्थी जमा हुए @pky
अभ्यर्थियों ने धरना व प्रदर्शन कर डोमिसाइल नीति के खिलाफ आवाज उठायी। अभ्यर्थियों का कहना था कि डोमिसाइल का सीधा मतलब स्थायी निवास से है, लेकिन वर्तमान में सरकार ने इसे शिक्षा की पृष्ठभूमि से जोड़ दिया है। यानी अगर किसी ने 10वीं और 12वीं बिहार से बाहर से की है, तो उसे बिहार का डोमिसाइल नहीं माना जा रहा। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह नीति सीधे-सीधे बिहार के अपने ही
स्थायी निवासियों के साथ अन्याय है। छात्रों ने कहा कि सरकार यदि फर्जी डोमिसाइल प्रमाण पत्र की जांच करने में सक्षम नहीं है, तो उसकी कमियों की सजा असली बिहारियों को क्यों मिले। उनका तर्क है कि निवास प्रमाण पत्र और स्थानीयता को ही आधार बनाना चाहिए, न कि यह देखना कि किसी ने मैट्रिक-इंटर कहाँ से किया। अभ्यर्थियों ने सरकार की नीतियों में विरोधाभास को भी उजागर किया। उनका कहना है कि सरकार बार-बार यह स्वीकार करती रही है कि 2005 के पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था बदहाल थी। यही कारण है कि उस दौर में हजारों अभिभावकों ने अपने बच्चों को बेहतर पढ़ाई के लिए बिहार से बाहर भेजा।
