बिहार के ऑटो वाले शिक्षक ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ लंच किया, जानें... उनकी सफलता का राज
बिहार के ऑटो चालक से मशहूर मैथेमेटिक्स गुरु बने आरके श्रीवास्तव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ लंच किया। 1 रुपये की फीस लेकर गरीब छात्रों को IIT तक पहुंचाने वाले इस शिक्षक की प्रेरक कहानी जानिए।
विद्या और धन के बीच एक बड़ा अंतर होता है, जहां धन किसी भी समय छीन या लूट लिया जा सकता है, वहीं विद्या हमेशा आपके साथ बनी रहती है और उसे कोई अलग नहीं कर सकता। आज के समय में, जब कई शिक्षण संस्थान भारी फीस वसूलते हैं, कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो धन से अधिक विद्या को महत्व देते हैं। ऐसे ही एक प्रेरणादायक शिक्षक हैं बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज के निवासी आरके श्रीवास्तव।
आरके श्रीवास्तव ने मात्र 1 रुपये की फीस लेकर सैंकड़ों गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को इंजीनियर बनने का अवसर दिया है। पटना में भी वे निःशुल्क शिक्षा प्रदान करके गरीब छात्रों के सपनों को साकार करने में मदद कर रहे हैं। उनके जीवन का सफर बेहद प्रेरणादायक है गांव की पगडंडियों से निकलकर वे ऑटो चालक से लोकप्रिय गणित शिक्षक बने और फिर राष्ट्रपति भवन तक पहुँचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ फोटोशूट कर सम्मानित हुए।
आरके श्रीवास्तव की कहानी इस बात का सजीव उदाहरण है कि अभाव और गरीबी के बावजूद भी व्यक्ति दृढ़ संकल्प और मेहनत से अपने सपनों को पूरा कर सकता है। उन्होंने अब तक लगभग 950 छात्रों को IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश दिलाया है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सम्मानित शिक्षक के रूप में स्थापित किया है।
उनका जीवन संदेश है कि शिक्षा वह धन है जो हमेशा आपके साथ रहता है, और जिसे कोई छीना नहीं सकता। आरके श्रीवास्तव गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का मिशन लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा पद्धति से साबित किया है कि उच्च शिक्षा केवल अमीरों का अधिकार नहीं है, बल्कि हर गरीब छात्र भी योग्य मार्गदर्शन और मेहनत से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
आरके श्रीवास्तव की यह कहानी न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि सच्ची शिक्षा का मूल्य धन से कहीं अधिक होता है। वे लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं कि देश के हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच सके। उनके प्रयासों को कई राष्ट्रीय समाचार पत्रों और मीडिया पोर्टलों में सराहा गया है और वे समाज में बदलाव के एक चमकते सितारे के रूप में उभर रहे हैं।