भ्रष्टाचार की जांच के लिए पहुंचे निदेशक

 भ्रष्टाचार की जांच के लिए पहुंचे निदेशक



PATNA (): जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना कार्यालय में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है. चार माह में तीन कर्मचारी निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं. प्रधान लिपिक को एक लाख रुपये घूस के साथ गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था. इसकी तहकीकात के लिए शुक्रवार को शिक्षा विभाग के निदेशक सह प्रशासक मनोरंजन प्रसाद दोपहर करीब एक बजे जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पहुंचे. निदेशक ने रिश्वत लेते पकड़े गए प्रधान लिपिक के बारे में जानकारी ली. उन्होंने माध्यमिक सेकेंड्री विभाग में कार्यरत सभी बिहार सरकार
शिक्षा विभाग विकास भवन, पटना कर्मचारियों से बारी-बारी पूछताछ की. जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों से दो घंटे तक मामले के बाबत पूछताछ होती रही. जिला शिक्षा पदाधिकारी साकेत रंजन ने बताया कि एक सप्ताह पहले यहां योगदान दिया है. कार्यालय में इस तरह की घटना ठीक नहीं है. 15 दिनों के अंदर सभी तरह की समस्याएं ठीक कर ली जाएंगी. फाइल लटकाने की शिकायत मिलती है तो उक्त कर्मचारी के साथ-साथ विभागीय पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी. 

.अब तक 3 कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ धराए


अप्रैल से अब तक तीन कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए हैं. मई महीने में लिपिक पुंजय कुमार को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया था. इससे पहले एक स्कूल में कार्यरत लिपिक वे केटेश को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया था. 10 जुलाई को जिला शिक्षा कार्यालय में कार्यरत प्रधान लिपिक (माध्यमिक सेकेंड्री) आलोक कुमार वर्मा को निगरानी की टीम ने एक लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा. प्रधान लिपिक आलोक कुमार वर्मा को गुरुवार को निगरानी की टीम एक लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया तो ऊपरी मंजिल पर अपने कक्ष में मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. डीईओ साकेत रंजन को कर्मियों ने निगरानी टीम के चले जाने के बाद जानकारी दी.
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