प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने में जुटे शिक्षक और प्रधान

 प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने में जुटे शिक्षक और प्रधान



फिरोजाबाद। कम नामांकन वाले विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया चल रही है। जिन स्कूलों में छात्र संख्या कम है, वे स्कूल सचेत हो गए हैं। सबसे अहम है कि जिन स्कूलों में 50 या थोड़ी कम छात्र संख्या है। ऐसे विद्यालयों के शिक्षक और प्रधान 15 जुलाई तक चलने वाले द्वितीय चरण के स्कूल चलो अभियान में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास में जुट गए हैं। ताकि द्वितीय चरण में उनके विद्यालय का नाम विलय सूची में न आ जाए। शिक्षकों ने घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। उन्हें सरकारी स्कूलों की सुविधाओं, जैसे मिड-डे मील, मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बारे में बताया जा रहा है। कई ग्राम प्रधान भी इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। 


बीएसए आशीष पांडेय का कहना है कि द्वितीय चरण का स्कूल चलो अभियान शुरु हो गया है। ऐसे में शिक्षकों के सामने परिषदीय विद्यालयों में नामांकन व ठहराव की चुनौती को गंभीरता से लेना होगा। इसके लिए शिक्षकों को लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। को-लोकेटेड आंगनवाड़ी केंद्रों पर पांच से छह साल के बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन के साथ ही आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन व नामांकन, नामांकित बच्चों का ठहराव, नियमित पीटीएम बैठकों का आयोजन, विशेष आयोजनों पर ग्राम प्रधान, प्रबंध समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने की बात कही है। 



विलय पर नहीं बन पा रही सहमति 
जिले के परिषदीय विद्यालयों में नामांकन खस्ताहाल है। अधिकारियों के मुताबिक, 388 स्कूलों में 50 से कम नामांकन है। इन विद्यालयों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है। हालांकि 101 विद्यालयों की बेहतर सुविधा संपन्न स्कूलों में पेयरिंग की जा चुकी है। मगर दूरी व अन्य कई कारणों से अभिभावक अपने बच्चों को भेजने के लिए चिंतित हैं। 



पहली जुलाई से पठन-पाठन शुरू 
पहली जुलाई से परिषदीय विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद पठन-पाठन शुरू हो गया है। बेहतर पठन-पाठन की व्यवस्था, नामांकन बढ़ाने, बच्चों के ठहराव समेत कार्ययोजना के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं। - आशीष पांडेय, बीएसए
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