दरभंगा कोर्ट का बड़ा फैसला: शिक्षक नियुक्ति विवाद में हत्या के 5 दोषियों को आजीवन कारावास

 दरभंगा कोर्ट का बड़ा फैसला: शिक्षक नियुक्ति विवाद में हत्या के 5 दोषियों को आजीवन कारावास



दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने 2016 के एक हत्या मामले में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शंकर संस्कृत विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था। मृतक मदन मोहन चौधरी की 1 जनवरी 2016 को निर्मम हत्या कर दी गई थी। अदालत ने सभी आरोपियों को धारा 302 और 120 (बी) के तहत दोषी पाया।

दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने शिक्षक नियुक्ति विवाद में हुई निर्मम हत्या के मामले में शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। साल 2016 में हुई हत्या के मामले में पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही, प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला श्री शंकर संस्कृत विद्यालय में शिक्षक की नियुक्ति को लेकर हुए विवाद से जुड़ा है। इस विवाद में मदन मोहन चौधरी की 1 जनवरी 2016 को निर्मम हत्या कर दी गई थी। उन्हें किशोर चौधरी की दुकान के पास बुलाया गया और उनकी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव के चेहरे को पत्थर से कुचला गया था। इससे उसे पहचानना भी मुश्किल हो गया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने यह फैसला सुनाया।

सकतपुर थाने में दर्ज हुआ था मदन मोहन चौधरी की हत्या का मामला

मामला सकतपुर थाना क्षेत्र के लगमा गांव का है। मृतक मदन मोहन चौधरी इसी गांव के रहने वाले थे। हत्या के बाद सकतपुर थाने में FIR दर्ज कराई गई थी। मनीगाछी थाना क्षेत्र के बलौर गांव निवासी सुशील कुमार झा, लगमा निवासी किशोर कुमार चौधरी, राघवेंद्र चौधरी, ध्रुव कुमार चौधरी और सिद्धार्थ शंकर चौधरी को आरोपी बनाया गया था।

मामले में 10 लोगों की हुई गवाही

अदालत में सुनवाई के दौरान पांचों आरोपियों को दोषी पाया गया। उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। कोर्ट में कुल 10 गवाह पेश किए गए। हत्या से जुड़े 8 सबूत भी कोर्ट में दिखाए गए। सत्र वाद संख्या 229/17 के तहत कोर्ट में सुनवाई हुई। शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

इन पांच लोगों को कोर्ट ने माना दोषी, सुनाई उम्रकैद
एडीजे तृतीय की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए मनीगाछी थाना क्षेत्र के बलौर गांव के सुशील कुमार झा, लगमा के किशोर कुमार चौधरी, राघवेंद्र चौधरी, ध्रुव कुमार चौधरी और सिद्धार्थ शंकर चौधरी को दोषी पाया। सभी पांच आरोपियों को धारा 302 और 120 (बी) के तहत हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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