जिले में फिर मिले 16 शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध, निगरानी कार्यालय ने मांगा साक्ष्य

 जिले में फिर मिले 16 शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध, निगरानी कार्यालय ने मांगा साक्ष्य



जिले में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। जब भी प्रमाण पत्रों की जांच होती है, नये खुलासे सामने आते हैं। इस बार फिर से जिले में 16 शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाये गये हैं। पटना हाईकोर्ट के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इन शिक्षक-शिक्षिकओं को शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का मिलान करने के लिए मूल अंक, प्रमाणपत्र व अन्य अभिलेखों (जिसके आधार पर नियोजन प्राप्त किया गया है) के साथ कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

इस संबंध में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के सहायक जांचकर्ता धर्मवीर सिंह ने स्थापना डीपीओ आनंद शंकर को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने-अपने मूल अंक पत्रों व प्रमाणपत्रों के साथ निगरानी कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं, तो माना जाएगा कि उनके द्वारा नियोजन के वक्त दिए गये दस्तावेज फर्जी हैं। इनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों को अपने साथ मूल शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक अंकपत्र व प्रमाणपत्र, विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र की मूल प्रति, कॉलेज परित्याग प्रमाणपत्र की मूल प्रति, मैट्रिक, इंटर, बी-टेट, सी-टेट, दक्षता का मूल प्रवेश पत्र, शिक्षक, माता, पिता व पति का आधार कार्ड लाने को कहा गया है।


इस कार्य के लिए तीन तिथियां निर्धारित की गयी हैं। 10 जुलाई को बिहारशरीफ के लालूनगर प्राथमिक विद्यालय के राजेश कुमार, नूरसराय के लक्ष्मीनिया बिगहा प्राथमिक विद्यालय के रमेश कुमार, सिलाव प्रखंड के नेपुरा प्राथमिक विद्यालय की माया कुमारी, गिरियक प्रखंड की ईसुआ मध्य विद्यालय के जयप्रकाश निराला व अर्चना कुमारी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कार्यालय पटना में प्रमाणपत्रों के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया था।

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