Updatemart: तबादले के बाद भी 50% शिक्षकों को ही स्कूल आवंटित

 तबादले के बाद भी 50% शिक्षकों को ही स्कूल आवंटित 



जिले में शिक्षक स्थानांतरण की प्रक्रिया बच्चों की पढ़ाई पर भारी पड़ रही है। अंतरजिला स्थानांतरण के तहत जिले के तीन हजार से अधिक शिक्षकों का तबादला हुआ है, लेकिन अब तक लगभग 50 फीसदी शिक्षकों को नए विद्यालय का आवंटन नहीं हो पाया है। इस स्थिति में न सिर्फ शिक्षक असमंजस में हैं, बल्कि उनके बच्चों का नामांकन भी अधर में लटका हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन वे अपने बच्चों को नई कक्षा में नामांकित नहीं करा पाए हैं। बच्चों का रिजल्ट मार्च में ही आ गया था, पर अभी तक कई बच्चों की किताबें भी नहीं खरीदी गई हैं, क्योंकि पता नहीं कि अब कौन-सा शहर और कौन-सा स्कूल होगा।

शिक्षकों ने बताया दर्द : कटिहार में

कार्यरत शिक्षिका निशा, शिक्षक रमेश और दीपशिखा ने बताया कि दो साल से वे यहां पदस्थापित थे। अब किसी का तबादला भागलपुर हुआ है, तो किसी का बांका। शिक्षिका निशा ने कहा कि घर लौटने की खुशी है, लेकिन मेरे दोनों बच्चों का नामांकन नहीं हो पाया है। जब तक नया विद्यालय आवंटित नहीं होता, तब तक हम योजना नहीं बना सकते। इस बीच, अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि टीआरई-1 और 2 के तहत नियुक्त शिक्षकों का स्थानांतरण हो चुका है, और 30 जून तक सभी को योगदान देना है। स्थानांतरण के साथ यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि विषयवार संतुलन बना रहे। किसी स्कूल में ऐसा न हो कि गणित शिक्षक स्थानांतरित हो जाएं और उनके स्थान पर कोई और शिक्षक न पहुंचे। स्कूल आवंटन में विलम्ब से शिक्षक परेशान स्थानांतरण की प्रक्रिया एक तरफ जहां शिक्षकों के लिए खुशी का अवसर है, वहीं दूसरी ओर विद्यालय आवंटन में देरी उनके बच्चों की शिक्षा पर असर डाल रही है। प्रशासन यदि समयबद्ध ढंग से प्रक्रिया पूरी करे, तो हजारों बच्चों का भविष्य अटकने से बच सकता है।
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