पहले वाले शिक्षक गए नहीं, दूसरे पहुंचे योगदान करने
पहले वाले शिक्षक गए नहीं और स्थानांतरित शिक्षक योगदान करने पहुंच गए। सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित शिक्षकों के योगदान का यह अजब गजब खेल चल रहा है।
विभाग का निर्देश है कि अनैच्छिक जगह आवंटन होने पर मूल विद्यालय में शिक्षक बने रह सकते हैं। ऐसे में जिन शिक्षकों का स्थानांतरण दूसरे जिले में हो गया, वे मनमुताबित जगह नहीं मिलने पर नहीं गए। इसी बीच इस रिक्ति पर अन्य शिक्षक का भी स्थानांतरण हो गया। अब स्थानांतिरत शिक्षक जब उस विद्यालय में योगदान करने पहुंच रहे हैं तो एक ही विषय में दो-दो शिक्षक हो जा रहे हैं। बुधवार को डीईओ ने जिले के सभी सरकारी प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानों को निर्देश दिया कि नए आने वाले शिक्षकों का भी योगदान कराएं। इसके बाद यदि कोई दोहरा पदस्थापन अथवा कोई अन्य विसंगति हो गई है तो लिखित सूचना कार्यालय में दें। जो विद्यालय मंगलवार को सूचना भेज चुके हैं, वे भी योगदान के बाद ही लिखित प्रतिवेदन दें। डीईओ ने निर्देश दिया है कि किसी भी स्थानांतरित शिक्षक को योगदान से मना कर लौटाया नहीं जाना है।
मदरसा में हिन्दी स्कूल के शिक्षकों का होगया स्थानांतरणः स्थानांतरण में विद्यालय आवंटन के बाद रोज नई-नई गड़बड़ी सामने आ रही है। जिले में मदरसा में भी हिन्दी स्कूल के शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया है।
अबतक 100 से अधिक स्कूलों में दोहरे पदस्थापन का मामला सामने आ चुका है। इसकी रिपोर्ट समेकित की जा रही है।