राज्य ब्यूरो, जागरण पटना : राज्य
के तकरीबन 71 हजार 567 प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना (मिड डे मील) के संचालन की नियमित निगरानी होगी। हर विद्यालय में कितने बच्चों ने मिड डे मील खाया और कितने बच्चे गैरहाजिर रहे, इसकी रिपोर्ट प्रत्येक दिन पोर्टल पर अपलोड होगी। मिड डे मील में किसी प्रकार की अनियमितता, छात्रों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा एवं निर्धारित मेन्यू का पालन नहीं होने की शिकायत पर संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ), जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा जिला एवं प्रखंड साधन सेवी पर कार्रवाई होगी।
इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन योजना) को दिया है। निर्देश में अपर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त होती है कि जिलों में मध्याह्न भोजन निधारित मेन्यू के अनुसार नहीं दिया जाता है। केंद्रीयकृत रसोईघर के संबंध में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता खराब रहने तथा छात्रों की संख्या की तुलना में कम
मात्रा में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति
करने के संबंध में शिकायतें प्राप्त
होती हैं, जो अत्यंत खेदजनक
है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है
कि सामान्यतः देखा जाता है कि
मध्याह्न भोजन की अनियमितता
की शिकायत प्राप्त होने पर केवल
प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक पर
ही काररवाई की जाती है, जबकि
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला
कार्यक्रम प्रबंधक तथा प्रखंड एवं
जिला साधनसेवी समान रूप से
दोषी हैं।