भोजपुर. बिहार शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. वैसे शिक्षकों को उपस्थित होने के लिए आदेश निकाला गया है जो शिक्षक मर चुके है. इस में रिटायर्ड शिक्षकों को भी रखा गया है. इस हरकत से जिले में एक अलग चर्चा का विषय बन गया है. शिक्षक संघ के द्वारा इस पर खेद भी जताया गया है और शिक्षा विभाग के ऐप और अधिकारियों पर सवाल भी खड़े किए गए हैं. लोकल 18 के पास फिलहाल भोजपुर जिला के 4 ऐसे शिक्षकों की सूची है जिनकी मौत हो चुकी है.
शिक्षक की मृत्यु सात महीने पहले हो चुकी है. लेकिन शिक्षा विभाग ने मृतक शिक्षक के खिलाफ स्पष्टीकरण जारी कर दिया है. मृतक शिक्षक को निर्देश दिया गया है कि वे यहां आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं. स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर आपका वेतन काट लिया जाएगा. यह मामला पीरो प्रखंड में उत्क्रमित मध्य विद्यालय, देवचंदा तिलाठ, बड़हरा के अलेखी टोला और अन्य कई ऐसे शिक्षकों का है जिनकी मौत हो चुकी है. यहां पहले पदस्थापित शिक्षक रवि रंजन का सितंबर में स्वर्गवास हो चुका है. खेसरिया में पदस्थापित शिक्षक अमुल्हा की भी मौत हो चुकी है लेकिन भोजपुर जिला शिक्षा कार्यालय ने उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया है. बिहियां की रहने वाली शिक्षिका शिव कुमारी देवी रिटायर हो चुकी हैं लेकिन उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.इन टीचरों से मांगा स्पष्टीकरण
शिक्षा विभाग ने बिना किसी सूचना के मार्क ऑन ड्यूटी बनाने वाले 217 शिक्षकों से दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि शिक्षकों से यह पूछा गया कि किस परिस्थिति में अपने ई-शिक्षा कोष पर मार्क ऑन ड्यूटी दर्ज किया है. आरा सदर के 15, बड़हरा प्रखंड के 27, बिहिया प्रखंड के 12, कोईलवर प्रखंड के 8, उदवंतनगर प्रखंड के 8, शाहपुर प्रखंड के 10, पीरो प्रखंड के 27, सहार प्रखंड के 10, चरपोखरी प्रखंड के 20, तरारी प्रखंड के 09, जगदीशपुर प्रखंड के 16, संदेश प्रखंड के 33, गड़हनी प्रखंड के 09 और अगिआंव प्रखंड के 13 शिक्षकों ने ई- शिक्षा कोष पर मार्क ऑन ड्यूटी बनाया है जिनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. 217 शिक्षकों में 128 शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने पोर्टल पर अटेंडेंस बनाई है उनके पास प्रमाण भी है. बावजूद शिक्षकों के स्पष्टीकरण और वेतन काटने का आदेश जारी किया गया है.
ऐप ठीक से काम नहीं कर रहा
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की सदस्य सह शिक्षिका अंजू पांडेय के द्वारा बताया गया कि शिक्षा विभाग के द्वारा जो एप्प बनाया गया है, उसमें बहुत सारी कमियां है. हम लोग लगातार अपनी अटेंडेंस बनाते हैं. स्कूल में आकर के बच्चों को शिक्षा भी देते हैं उसके बावजूद भी यह ऐप हम लोगों को अनुपस्थित दिखा देता है. शिक्षा विभाग के इंजीनियरों ने इस ऐप को बनाया है लेकिन वह काफी त्रुटि इसमें रखे हैं. इसको जल्द से जल्द सुधार करने की आवश्यकता है. साथ ही अंजू पांडे बताती हैं कि भोजपुर जिला शिक्षा विभाग के द्वारा एक बहुत बड़ी गलती की गई है जहां पर मृत शिक्षकों से स्पष्टीकरण किया गया है. ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है और एक बार फिर से ऐसा हुआ है जहां पर मृत शिक्षक से स्पष्टीकरण और उपस्थित होने को कहा जा रहा है साथ ही रिटायर्ड शिक्षकों को भी उपस्थिति दर्ज करने की बात कही जा रही है नहीं तो उनके वेतन काटने की आदेश भी जारी किया गया है.
