कालबद्ध प्रोत्रति सहित अन्यान्य जायज स्थानीय समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों को लगातार लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराने के बावजूद भी जिला शिक्षा कार्यालय कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। उन्हें शिक्षकों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। एक तरफ शिक्षकों के मांगों के अनुरूप मुख्यमंत्री नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक का दर्जा प्रदान कर उनके मांगों को पूरा करने में लगे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जिला शिक्षा कार्यालय शिक्षकों की समस्याओं का समाधान ना कर उन्हें परेशान करने में लगे है। हालात ये हैं कि अब शिक्षक मुख्यमंत्री के सुपौल आगमन पर अपनी समस्याओं को लेकर लोकतांत्रिक ढंग से वेदना प्रकट करने के लिए विवश है। उक्त बातें बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने छातापुर मध्य विद्यालय में आयोजित बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ प्रखंड इकाई की बैठक में कही। उन्होंने कहा है कि शिक्षक नियमावली 2020 के कंडिका-16 (2) के आलोक में आवश्यक अहर्ताधारी शिक्षकों को 12 वर्ष पूरा होने पर स्नातक प्रोन्नति का प्रावधान है। जिसके तहत बिहार के दर्जनों जिला के शिक्षक इसका लाभ भी उठा रहे। परंतु सुपौल जिला में अभी तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं होना चिंताजनक है।
डीईओ की तरफ से कोई पहल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण
कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायादेश के आलोक में निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने डीएलएड उत्तीर्ण प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षणचर्या पूरी करने की तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का लाभ देने का आदेश दिया है या है। लेकिन जिला शिक्षा कार्यालय के तरफ से कोई पहल नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं सैकड़ों शिक्षकों के बकाया वेतन, एरियर में विलंब पर भी खेद प्रकट करते हुए कहा कि बिना वजह शिक्षकों
को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने किया। मौके पर मीडिया प्रभारी बीरेंद्र भास्कर, प्रखंड संयोजक प्रकाश कुमार सुमन, सचिव विनोद कुमार यादव, उपाध्यक्ष नीरज कुमार, हरेन्द्र कर्ण, संतोष ठाकुर, शंकर साह, मुर्शीद आलम, सत्येन्द्र मुखिया, पवन ठाकुर, शबनम कुमारी, रेखा कुमारी, पुजा कुमारी आदि मौजूद थी।