जागरण संवाददाता, भागलपुर : फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर क्च्चों का आधार कार्ड बनाने वाले स्कूलों के 24 आधार केंद्र पर ताला लगा दिया गया है। फर्जीवाड़े में संलिप्त आधार आपरेटरों पर यूआइडीएआइ ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जगदीशपुर, पीरपैंती और सैदपुर में आधार केंद्र चलाने वाले तीन आपरेटरों पर 1.32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मामाल तूल पकड़ने के वाद आपरेटरों ने भी माना कि कुछ शातिरों की वजह से पूरा सिस्टम वांद हो गया। अभिभावकों से पांच-पांच हजार रुपये लेकर खास साफ्टवेयर से जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया जाता था। यूआइडीएआइ की मानिटरिंग में राज्य में पहले चरण में 87 स्कूलों की आइडी ब्लैकलिस्टेड की गई थी। इस वार इसकी संख्या 90 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है।
ऑपरेटरों ने की मोटी उगाही
फर्जीवाड़े में संलिप्त आपरेटरों ने जरूरतमंद अभिभावकों से मोटी उगाही की। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की मानिटरिंग में मामला पकड़ में आया। जिस आधार केंद्र से जितने गलत कागजात पर आधार कार्ड जारी हुए होंगे। उस हिसाब से प्रति आधार 1000 रुपये का जुर्माना लिया जाएगा। जालसाजी साबित होने पर 2 लाख तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल भी हो सकती है।
बंद हो गये आधार केंद्र
कुछ आपरेटरों ने बताया कि अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत थी। कुछ लोग 5000 रुपये लेकर जन्म प्रमाण पत्र इशू करते थे। फिर उसी के आधार पर आधार कार्ड बनाते थे। बड़ी बात यह कि जन्म प्रमाण पत्र देखने में एकदम आरिजिनल लगते थे। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद भी सारी जानकारियां एक समान होती थीं। सिर्फ नंबर अलग रहता था।
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