एक दिन की छुट्टी की वजह से छठ व्रत करने वाली महिलाओं को होगी परेशानी
इस वर्ष पहली बार नहाय खाय और खरना के दिन भी सरकारी स्कूल खुले रहेंगे। जिसके कारण छठ व्रत करने वाली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खासकर छठव्रती और वैसी महिलाएं जो पूजा को लेकर उपवास में रहती हैं उनके लिए अधिक परेशानी होगी। इतना ही नहीं दीपावली में मात्र एक दिन का अवकाश रहने से भी शिक्षकों में नाराजगी है । इस समस्या को लेकर शिक्षक संघ ने धनतेरस से लेकर छठ पर्व तक छुट्टी की मांग की है।
दरअसल दीपावली और छठ पर्व में सरकारी विद्यालयों में अवकाश कटौती को लेकर शिक्षक परेशान हैं। सरकारी विद्यालयों में 31 अक्टूबर को दीपावली में मात्र एक दिन की ही छुट्टी दी गयी। ऐसे में दूसरे राज्य के हजारों शिक्षक या दूर दराज क्षेत्र में पोस्टेड वैसे शिक्षक जो अपने घर से अत्यधिक दूरी पर पोस्टेड हैं। वे अपने घर परिवार के साथ दीपावली का त्योहार नहीं मना पाएंगें। क्योंकि मात्र एक दिन में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर आना जाना संभव नहीं है। इस बात से शिक्षकों में मायूसी का है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कुल शिक्षकों में लगभग 60 फीसदी महिला शिक्षकों के सामने इस बार छुट्टी की समस्या गंभीर हो गई है।
कई शिक्षिकाएं महापर्व छठ खुद से करती हैं
मालूम हो कि छठ पर्व महिलाओं का ही पर्व होता है। महिला शिक्षका महापर्व छठ खुद से करती हैं। विडम्बना यह है कि शिक्षा विभाग के द्वारा जारी वर्ष 2024 के अवकाश तालिका में 7,8 और 9 नवंबर को छठ पर्व की छुट्टी दी गयी है। जबकि चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत 5 नवंबर नहाय खाय के साथ हो रही है। वहीं 6 नवंबर खरना, 7 को संध्या कालीन अर्घ्य व 8 को सुबह का अर्घ्य होना। नहाय खाय और खरना दोनों तिथियों को सरकारी विद्यालय खुले हैं। शिक्षिकाएं इस बात से परेशान हैं कि इस वर्ष कैसे हो पाएगा छठ पर्व।