वेतन के लिए टिप्पणी करने वाले शिक्षकों से शो-कॉज
वेतन के लिए किरानी से नहीं निगरानी से मिलिए। प्रधान शिक्षक पद पर योगदान देने के बाद से ही वेतन नहीं मिल रहा। ना जाने विभाग कब सुध लेगा। ऐसी बातें सोशल मीडिया के ग्रुप पर चैटिंग करना शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सोशल मीडिया पर बनाए गए समूह में असंतोष जताने की कीमत शिक्षकों को चुकानी पड़ रही है। ग्रुप पर साथियों संग की गई चर्चा के लिए उनसे शिक्षा विभाग उनसे स्पष्टीकरण मांग रहा है। ऐसे पांच मामले सिर्फ पटना जिले में मिले हैं।
शिक्षकों द्वारा सोशल मीडिया पर बनाए गए ग्रुप और उसकी गतिविधियों पर शिक्षा विभाग की नजर है। ग्रुप में विभाग की आलोचना करने पर पटना जिले में एक महीने के अंदर ही पांच ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां शिक्षकों के निजी वाट्सएप ग्रुपों में की गई आपसी बातचीत ही उन पर भारी पड़ गई है।
मैसेज करने वाले शिक्षकों को शो-कॉज किया गया। ये सभी मामले वेतन भुगतान को लेकर ही सामने आए हैं। आंतरिक ग्रुप में शिक्षकों द्वारा वेतन विलंब को लेकर साझा की गई टिप्पणियों के स्क्रीनशॉट अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं। पटना जिले में 10 दिसंबर को बिक्रम के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक पर इसी मामले में
कार्रवाई हुई है। शिक्षक ने योगदान से लेकर अब तक वेतन नहीं मिलने के लिए शिक्षकों के ग्रुप में मैसेज चलाया था। इसके बाद उनके मैसेज के स्क्रीनशॉट्स को अटैच कर संबंधित शिक्षकों को आधिकारिक नोटिस जारी किया गया। इसमें उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। डीपीओ स्थापना ने उनको नोटिस जारी किया। इससे पहले भी 12 नवंबर
