बाबुओं को हटाने का फरमान, अफसर पर मेहरबान

 बाबुओं को हटाने का फरमान, अफसर पर मेहरबान

उच्च शिक्षा निदेशालय में बाबुओं और अफसरों की तैनाती में जमकर मनमानी हो रही है। शासन के सचिव उच्च शिक्षा अमृत त्रिपाठी ने 26 और 27 सितंबर को उच्च शिक्षा निदेशालय का निरीक्षण किया था। 14 अक्तूबर को जारी कार्यवृत्त में 20 ऐसे बाबुओं का पटल परिवर्तित करने का आदेश दिया गया है जो तीन साल या अधिक समय से एक स्थान पर कार्यरत हैं।





इसके ठीक उलट डॉ. बीएल शर्मा सहायक निदेशक के पद पर सात साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं। सचिव ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज से स्पष्टीकरण मांगा है कि शासनादेश के विपरीत तीन वर्षों से अधिक समय से एक पटल पर किसके आदेश से तैनाती दी गई है। इस संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित कर शासन को आख्या उपलब्ध कराने को भी कहा गया है।



राजकीय महाविद्यालय औडन्य पडरिया मैनपुरी के प्रवक्ता वाणिज्य डॉ. बृन्दावन लाल शर्मा का तबादला उच्च शिक्षा निदेशालय में सहायक निदेशक के पद पर 25 मई 2018 को हुआ था। पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से 11 जून 2024 को जारी वार्षिक स्थानान्तरण नीति में समूह क और ख के उन अधिकारियों को मुख्यालय से बाहर समकक्ष पदों पर स्थानान्तरित करने के आदेश दिए गए थे जो तीन साल की सेवा पूरी कर चुके हों।



वहीं जिन बाबुओं को हटाने का आदेश हुआ है उनमें प्रदीप कुमार सिंह (सात साल से अधिक), रीना सोनकर व शशिकांत शुक्ला (छह साल से अधिक), रमेश कुमार कुशवाहा, शशांक श्रीवास्तव, अजीत कुमार सिंह, राधेश्याम पटेल व सुनील कुमार सोनकर (पांच साल से अधिक), अमन यादव व अभिषेक कुमार (चार साल से अधिक) का नाम शामिल है।
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