रिक्ति के बाद भी गृह जिला न मिलने से शिक्षकों में आक्रोश
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। दूसरे जिले और राज्यों के निवासी को मुजफ्फरपुर जिले का स्कूल मिला और यहां वाले अब भी दर बदर हैं। तीसरे चरण के स्थानांतरण के बाद भी इन्हें गृह जिला नहीं मिला है। बुधवार को यह कहते हुए शिक्षकों का आक्रोश फूट पड़ा है। आक्रोशित शिक्षकों ने जिला से लेकर राज्य स्तर तक पर इसके लिए आवेदन दिया है।
शिक्षक इसलिए आक्रोशित थे कि मुजफ्फरपुर में रिक्ति रहते हुए भी दूसरे जिले और राज्यों के अभ्यर्थियों का कर दिया गया और यहां वाले को दूसरे जिले में भेज दिया गया। शिक्षकों ने कहा कि यह किस तरह का स्थानांतरण है। सीट खाली होते हुए भी गृह जिला वाले को दूसरे जिले में भेजा जा रहा है। तीन जिलों के विकल्प के बाद भी अपना जिला नहीं मिलने पर शिक्षकों में असंतोष है।
पति को मिला मुजफ्फरपुर, पत्नी को दरभंगा से भेज दिया
बेगूसरायः एक शिक्षिका ने कहा कि फरवरी में मेरी शादी हुई। घर मुजफ्फरपुर में है। दरभंगा में में पोस्टेट पोस्टेट थी। र्थ पति और मैंने दोनों ने ही आवेदन किया। पति को मुजफ्फरपुर मिला और मुझे दरभंगा से बेगूसराय भेज दिया गया है। यह किस तरह का स्थानांतरण है, जबकि मेरे विषय में मुजफ्फरपुर में रिक्ति भी है। शिक्षिका रेणु ने कहा कि मैं लगातार आवेदन दे रही हूं। इसबार मेरा स्थानांतरण तो हुआ मगर मुजफ्फरपुर की बजाए सीवान भेज दिया गया है, जबकि मुजफ्फरपुर में रिक्ति है।
ानांतरण नीति में संशोधन की मांगः बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ ने राज्य सरकार से शिक्षकों के स्थानांतरण नीति में तत्काल संशोधन की मांग की है। संघ का कहना है कि पहले से दिए गए तीन जिलों के विकल्प को छोड़कर अब नई बाध्यता थोपना अव्यावहारिक और अन्यायपूर्ण है। संघ ने शिक्षा विभाग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग को पहले यह स्पष्ट डाटा जारी करना चाहिए कि किस जिले में कितने शिक्षकों का समायोजन संभव है और उसी आधार पर आवेदन मांगे जाएं। संघ के महासचिव रवि सिंह ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि नई प्रक्रिया शुरू करने की बजाय पहले से जमा किए गए आवेदनों पर कार्रवाई की जाए। शिक्षिकाओं अदिति प्रभा, मनीषा कुमारी, प्रियंका सिंह, आकांक्षा भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान नीति में भेदभाव हो रहा है। कुछ अन्य राज्यों से आए शिक्षकों को सीमा से लगे जिलों में ट्रांसफर का लाभ मिल रहा है, जबकि उस जिले के मूल निवासी, जो वर्षों से दूरस्थ जिलों में सेवा कर रहे हैं, अब भी वंचित हैं। इसे शिक्षकों ने असमानता और अन्याय करार दिया।
शिक्षकों के वेतन के लिए निदेशक से मिले विधान पार्षद
मुजफ्फरपुर। विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह एवं डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव ने नवनियुक्त प्रधानाध्यापक के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग के सचिव सह निदेशक दिनेश कुमार से मुलाकात की। तिरहुत प्रमंडल में नियुक्त प्रधानाध्यापक का वेतन भुगतान अविलंब शुरू करने की बात कही। निदेशक ने उपनिदेशक कंप्यूटर कमांड को बुलाकर कहा कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी से दूरभाष पर बात कर वेतन भुगतान करने को कहें। विधान पार्षद ने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दो से तीन दिन में वेतन भुगतान करने की बात कही है।