इन' हुए ही नहीं तो 'आउट' कैसे होंगे
विशिष्ट शिक्षकों के स्थानांतरण के मामले में आने वाले केस और भी चौंकाने वाले हैं। मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में ऐसे शिक्षकों की संख्या 100 से 300 तक है। सक्षमता-टू के 150 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जिनका
विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद एचआरएमएस पर ऑनबोर्डिंग ही नहीं हुआ। इसी बीच दूसरे जिले में इनका स्थानांतरण भी हो गया। ऐसे में ये कभी 'इन' हुए ही नहीं तो 'आउट' कैसे होंगे। रिकार्ड में मुजफ्फरपुर के शिक्षक बनने के पहले दूसरे जिले के शिक्षक बन गए। दूसरे जिले में वेतन के लिए पहले वाले जिले से नाम हटाने को कहा जा रहा मगर जब यहां नाम ही नहीं जुड़ा तो हटेगा कैसे। ऐसे शिक्षकों की सूची भी विभाग को भेजी जा रही है।