स्कूलों में नहीं आते हैं बच्चे तो पंचायती से होगा निदान
भागलपुर सहित राज्यभर के स्कूलों में बच्चों के नियमित तौर पर नहीं आने और लेटलतीफी की समस्या बनी हुई है। उन्हें नियमित रूप से विद्यालय में समय से लाने को लेकर लगातार कवायद की जा रही है। इसके तहत ही अब यदि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी नियमित नहीं आते हैं या देरी से हर दिन आते हैं तो इस समस्या के निदान के लिए पंचायती होगी। इस समस्या के बाद पहले तो स्कूल में कक्षा शिक्षक के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को फोन से सूचना दी जाएगी, यदि वे भी लगातार तीन बार बुलाने पर अनुपस्थित होते हैं तो पंचायती का सहारा लिया जाएगा।
स्कूल प्रबंधन ऐसे अभिभावकों की सूची तैयार करेगा। इसके बाद संबंधित विद्यालय के पोषक क्षेत्र के वार्ड सदस्य/मुखिया/संबंधित पंचायत के सरपंच को इसकी सूचना दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि सूची में दर्ज अभिभावकों के बच्चे समय पर या नियमित रूप से विद्यालय नहीं आते हैं। इसके साथ ही उन सभी जनप्रतिनिधि को स्कूलों में बुलाया जाएगा। सामूहिक रूप
से स्कूल के सभी शिक्षकों की उपस्थिति में शिक्षा को लेकर जागरूक किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि बच्चे नियमित नहीं आते हैं तो उनकी पढ़ाई बाधित होगी। समय से नहीं आने से होने वाली हानि के बारे में अवगत कराया जाएगा
अभिभावकों पर बनाया जाएगा सामाजिक दबाव
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ कुमार ने इसे लेकर भागलपुर समेत राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी और प्रधानाचार्यों को निर्देशित करते हुए पत्र जारी किया है। इस व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने का उद्देश्य है कि वे अपने क्षेत्र के बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित कर सकें। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग के पत्र का अनुपालन किया जाएगा।