36 फर्जी शिक्षक, 15 स्कूल…चुनाव ड्यूटी से लेकर वेतन तक का खेल! फर्जी शिक्षक रैकेट के बारे में सुनकर हर कोई दंग
बिहार में ये कैसा सरकारी सिस्टम है? जरा सोचिए! कोई नौकरी नहीं, किसी स्कूल में तैनाती नहीं… लेकिन चुनाव और परीक्षा ड्यूटी भी कर ली और वेतन भी उठा लिया. इतना ही नहीं कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में ठग और सरकारी सिस्टम में इसके पार्टनर बैठे रहें.
जी हां, बिहार के इस्लामपुर से सामने आया फर्जी शिक्षक रैकेट के बारे में सुनकर हर कोई दंग है. 2022 से 2024 तक का यह खेल चलता रहा और जांच रिपोर्ट आने के लगभग एक साल बाद भी कार्रवाई का नामोनिशान नहीं है. अब लोगों के मन में यही सवाल है, आखिर इस खेल के पीछे कौन?
36 ‘अदृश्य शिक्षक’ की कहानी
जांच रिपोर्ट बताती है कि इस्लामपुर के 15 स्कूलों के नाम पर कुल 36 ‘अदृश्य शिक्षक’ दर्ज थे. स्कूलों के हेडमास्टर खुद लिखकर दे चुके हैं कि इन नामों का उनके यहां कोई अता-पता नहीं है. लेकिन, हैरत की बात यह कि इन्हीं नामों से ड्यूटी भी हुई और वेतन भी निकला. यानी सिस्टम में घुसपैठ का खेल यू-डायस के आंकड़ों की एंट्री से शुरू होकर सीधे पगार तक पहुंच गया.
