स्थानांतरण की घोषणा से शिक्षकों की बढ़ी बेचैनी
सरकारी शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी चल ही रही है कि विभाग ने शिक्षकों के परस्पर स्थानांतरण की घोषणा कर शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है। लंबे समय से अपने पसंद की जगह व स्कूल का सपना संजोए शिक्षक-शिक्षिकाओं को जैसे संजीवनी मिल गयी हो। परस्पर स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षकों में बेचैनी साफ देखी जा रही है। ऐसे शिक्षक सोशल साइट के माध्यम से दूसरे शिक्षकों से म्युचुअल स्थानांतरण का आग्रह करना भी शुरू कर चुके हैं। खासकर सोशल साइट्स - फेसबुक व व्हाट्सएप का सहारा लिया जा रहा है।
शिक्षकों को एक ही कैटेगरी का होना जरूरी : वही शिक्षक नेताओं का कहना है कि सरकार ने परस्पर स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षकों को एक झुनझुना पकड़ा दिया है, बजाते रहिए और अपनी जोड़ी खोजते रहिए। पूर्व में भी नियोजित शिक्षकों को परस्पर स्थानांतरण का प्रलोभन दिया गया था, मगर हुआ कुछ नहीं। इस बार भी शिक्षकों को अधिकतम 10 शिक्षकों का समूह बनाकर ई-शिक्षा कोष पर आवेदन देना है। इसके लिए शिक्षकों को एक ही कैटेगरी का होना जरूरी है। समूह के सभी शिक्षक एक ही कैटेगरी जैसे नियमित के साथ नियमित, विशिष्ठ के साथ विशिष्ठ शिक्षक और विद्यालय अध्यापक और विद्यालय अध्यापक होंगे। एक ही विषय जैसे गणित
से गणित, भौतिक से भौतिक, रसायन से रसायन शास्त्र आदि के शिक्षक होंगे। अपने वर्तमान पदस्थापित विद्यालयों के बीच परस्पर स्थानांतरण कर सकेंगे।
शिक्षकों को खुद से विद्यालय के चयनवस्थानांतरण का मौका ः बता दें कि राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब पारस्परिक तबादला ले सकेंगे। इसके तहत समान कोटि के शिक्षक एक-दूसरे की जगह स्थानांतरण ले सकेंगे। स्थानांतरण के इच्छुक एक ही विषय एवं एक केटेगरी के शिक्षक अधिकतम 10 शिक्षकों का समूह बनाकर आपस में परस्पर तबादला ले सकेंगे। यह प्रक्रिया ई शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाएगी।
मोतिहारी वाले संपर्क करें, मुझे गया जाना है
सोशल साइट्स पर परस्पर स्थानांतरण को लेकर तरह-तरह के मैसेज साझा किए जा रहे हैं। शिक्षकों से संबंधित ग्रुप में तो इस तरह के मैसेज की बाढ़ आ गई है। एक शिक्षक ने लिखा मुझे गया जाना है, कोई मोतिहारी आना चाहता है तो संपर्क करे। इसी तरह कोई नालंदा, कोई भागलपुर, तो कोई किशनगंज जाना चाहता है। इसके अलावा जिले में भी परस्पर स्थानांतरण का आग्रह किया जा रहा है
