एमडीएम नहीं देने वाले स्कूलों को भुगतान नहीं

 एमडीएम नहीं देने वाले स्कूलों को भुगतान नहीं

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने एक बार फिर मध्याह्न भोजन योजना को लेकर सख्ती दिखाई है। अप्रैल व मई में एमडीएम नहीं देने वाले स्कूलों को अब किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह निर्णय उन स्कूलों के लिए चेतावनी है जो बिना भोजन वितरण के भी राशि प्राप्त करने की कोशिश में रहते हैं। 



विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों ने संचालन नहीं किया और उसकी जानकारी ई-शिक्षकोष पोर्टल पर दर्ज नहीं की है, उन्हें भुगतान से वंचित किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से आये पत्र में यह निर्देश दिया गया है की विभिन्न प्राप्त आंकड़ों की समीक्षा में यह पाया गया कि कई कंपोजिट विद्यालयों का संचालन अप्रैल और मई महीने में नहीं हुआ,

फिर भी उनके पोर्टल पर छात्र उपस्थिति और एमडीएम संचालन की जानकारी नहीं भरी गई। विशेष रूप से कुछ विद्यालयों का डेटा ई-शिक्षकोष पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित हो रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि उन स्कूलों में इन महीनों में एमडीएम नहीं चला। जिले से भी ऐसे कई विद्यालय चिह्नित किए गए हैं जिनका विवरण पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। विभाग ने कहा है कि प्रधानाध्यापक की ओर से की गई लापरवाही के कारण भुगतान रोका जा रहा है। जो विद्यालय संचालन के दिनांक और छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं करते, उनके लिए आगे से भी भुगतान नहीं किया जाएगा। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने स्तर से समीक्षा कर यह सुनिश्चित करें कि जिन विद्यालयों में योजना का संचालन

वास्तव में नहीं हुआ, उनकी जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जाए। इसके साथ ही ऐसे विद्यालयों की सूची जिला स्तर पर साझा की गई है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि विद्यालयों के स्तर पर जो एमआईएस डेटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है, उसी आधार पर भुगतान स्वीकृत किया जाएगा। जिन स्कूलों ने संचालन नहीं किया है, उन्हें आगामी महीनों में भी एमडीएम मद में कोई भुगतान नहीं दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के निदेशक विनायक मिश्र द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में बिना संचालन के भी डेटा अपलोड करने या भुगतान प्राप्त करने की कोशिश की गई, तो संबंधित प्रधानाध्यापक एवं कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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