आज पता चला, कुछ अफसर ऐसे भी होते हैं... इनकी सादगी को सैल्यूट है और मैं दावे से कह सकता हूँ कि ऐसा अफसर आम जनता के लिए किसी मसीहा से कम नहीं होता

 आज पता चला, कुछ अफसर ऐसे भी होते हैं... इनकी सादगी को सैल्यूट है और मैं दावे से कह सकता हूँ कि ऐसा अफसर आम जनता के लिए किसी मसीहा से कम नहीं होता




यह पोस्ट 2 जनवरी 2022 की है रिपोर्ट के मुताबिक, “नालंदा के 37वें डीएम रहे योगेंद्र सिंह की सादगी उनके स्थानांतरण के बाद दिखी। इसके चर्चे इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। बिना तामझाम के योगेंद्र सिंह जिले को अलविदा कह गए। डीएम ने फेयरवेल पार्टी को भी शालीनता से मना कर दिया। हाथ में ट्राली बैग व बाडीगार्ड को नए डीएम के साथ रहने की नसीहत देकर स्टेशन रवाना हो गए। आम पब्लिक की तरह लाइन में लगकर ट्रेन का टिकट लिया। श्रमजीवी में बैठकर पटना के लिए रवाना हो गए। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले योगेंद्र सिंह नालंदा में 35 महीनों तक जिलाधिकारी रहे। योगेंद्र की पहचान तेजतर्रार अफसरों में की जाती रही। अपने कार्यकाल के दौरान उनके कई फैसले चर्चा में रहे।”

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