प्रधान शिक्षक नियुक्ति से पहले अब ये काम करना है जरूरी, एसीएस एस सिद्धार्थ का आदेश, बिहार में 36,000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में होगा बदलाव

 प्रधान शिक्षक नियुक्ति से पहले अब ये काम करना है जरूरी, एसीएस एस सिद्धार्थ का आदेश, बिहार में 36,000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में होगा बदलाव



बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाया है। 9 जुलाई 2025 को जारी आदेश के तहत 36,947 नए शिक्षकों की नियुक्ति की पुष्टि की गई है, जिसमें से 36,742 शिक्षक सीधे प्राथमिक विद्यालयों में तैनात किए गए हैं, जबकि 205 को निदेशक स्तर पर प्रशिक्षण के लिए नामित किया गया है।


यह नियुक्ति प्रक्रिया BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित PRI शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम पर आधारित है। 9 दिसंबर 2024 से 13 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए, और 18 मार्च 2025 को प्रक्रिया का समापन हुआ।


26 मार्च 2025 तक जिला स्तरीय सत्यापन और तैनाती कार्य को पूर्ण किया जाना है।विशेष रूप से गया जिले में 35,334 शिक्षकों की नियुक्ति, और समस्तीपुर में 33,376 शिक्षकों की बहाली की गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि राज्य सरकार प्राथमिक स्तर की शिक्षा पर विशेष जोर दे रही है।गया जिले में शिक्षक 1 जुलाई 2025 से औसतन 18.24 घंटे का दैनिक कार्यभार संभाल रहे हैं, जबकि समस्तीपुर में यह अवधि 26 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।


लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इन नियुक्त शिक्षकों को पहले प्रशिक्षण और मूल्यांकन के चरण से गुजरना होगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ‘शिक्षकों को तब तक विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक वे निर्धारित प्रशिक्षण और जिला स्तर पर मूल्यांकन प्रक्रिया को पूर्ण नहीं करते।’


जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और स्थानांतरण-पदोन्नति में किसी प्रकार की अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।


हालांकि, कुछ शिक्षक संगठनों ने इस आदेश में संशोधन की मांग उठाई है, खासकर प्रशिक्षण की प्रकृति और कार्यभार निर्धारण को लेकर। इन मांगों पर उच्च अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है।

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