100 से कम मिली छात्र संख्या तो बंद होंगे स्कूल

 मैनपुरीः माध्यमिक शिक्षा परिषद अब अपंजीकृत स्कूलों के विरुद्ध सख्त हो गया है। पिछले कुछ वर्ष में खुले ऐसे स्कूल, जिनमें नामांकन संख्या अब तक 100 से कम है, उनके विरुद्ध जांच के निर्देश दिए हैं। डीआइओएस द्वारा जिले में ऐसे स्कूलों का सर्वे आरंभ करा दिया है। यू-डायस के आधार पर चिह्नांकन के बाद सोमवार से इनके विरुद्ध कार्रवाई आरंभ कराई जाएगी। मान्यता प्रत्याहरण के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद को लिखा जाएगा।



जिले में यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त बताने वाले कई स्कूल संचालित हो रहे हैं। पिछले तीन वर्ष में ऐसे कई अन्य स्कूल और खुले हैं, जिन्हें बोर्ड के स्तर पर अनुमति मिली है। अब माध्यमिक शिक्षा परिषद तीन वर्ष में खुले स्कूलों का दोबारा सर्वे करा रहा है। ऐसे स्कूलों का सर्वे करने के लिए कहा गया है, जिनमें नामांकन की स्थिति में कोई वृद्धि नहीं हो रही है।



कई तो ऐसे भी स्कूल हैं, जिनमें छात्र संख्या 100 से कम है।


जबकि शर्त में निरंतर वृद्धि की बात स्पष्ट लिखी गई थी। डीआइओएस का कहना है कि शुक्रवार और शनिवार को सर्वे होना


है। यू-डायस पोर्टल पर दर्ज स्कूलों की स्थिति भी देखी जाएगी। जिनमें नामांकन की स्थिति 100 से कम होगी, उनका संचालन नहीं होने दिया जाएगा। सोमवार को चिह्नांकन के बाद पत्राचार भी किया जाएगा।


50 से ज्यादा हैं ऐसे स्कूल


अभी स्थिति स्पष्ट तो नहीं की गई है, लेकिन आरंभिक सत्यापन के आधार पर जिले में 50 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं जिनमें नामांकन 100 से कम हैं। कई में तो यह संख्या 20, 30 और 50 तक है। सभी की सूची तैयार की जा रही है।


माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित जिले के ऐसे स्कूलों का शुरू हुआ सर्वे, सोमवार को होंगे चिह्नित


मान्यता प्रत्याहरण के लिए सचिव को लिखेंगे डीआइओएस अपंजीकृत स्कूलों पर गिरेगी विभागीय गाज


6 किसी भी अमान्य स्कूल का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। 100 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के मान्यता प्रत्याहरण से संबंधित कार्रवाई के लिए बोर्ड को पत्र लिखा जाएगा।


– सतीश कुमार, डीआइओएस।


बसपा सरकार आने पर स्कूलों के विलय का फैसला होगा वापस : मायावती


लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रदेश में स्कूलों के विलय के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि बसपा की सरकार आने पर यह फैसला वापस लिया जाएगा। उन्होंने बुधवार को जारी अपने बयान में प्रदेश सरकार से अपील की है कि वह अपना स्कूलों के विलय का फैसला गरीब छात्र-छात्राओं के हित में तुरंत वापस ले। बसपा सुप्रीमो ने अपने बयान में कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के विलय की आड़ में कई स्कूलों को बंद करने का फैसला करोड़ों बच्चों को घर के पास दी जाने वाली सुगम सरकारी शिक्षा व्यवस्था के लिए न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार फैसला वापस नहीं लेती है तो बसपा सरकार बनने पर इस फैसले को रद्द करके दोबारा पुरानी व्यवस्था बहाल की जाएगी।

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