मूल विद्यालय से स्थानांतरित शिक्षक नवपदस्थापन में कर रहे योगदान

 मूल विद्यालय से स्थानांतरित शिक्षक नवपदस्थापन में कर रहे योगदान



रघुनाथपुर, एक संवाददाता। शिक्षा विभाग द्वारा दूरी आधारित स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण के बाद शिक्षकों में खुशी देखी जा रही है। हालांकि, कई शिक्षक इस स्थानांतरण से खुश ही नहीं है। उनकी दूरी घटने के बजाय बढ़ ही गई है। बहरहाल,

जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और दूसरे जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का नवपदस्थापन वाले विद्यालयों में योगदान जारी है। ग्रीष्मावकाश की समाप्ति के बाद विद्यालय खुलते ही अपने स्थानांतरण से खुश कई शिक्षक पहले दिन ही योगदान कर लिए। कई दूसरे-तीसरे दिन योगदान किए। विभाग द्वारा 23 से 30 जून के बीच किसी भी दिन को योगदान करने का समय दिया गया है। बताया जा रहा है स्थानांतरण कि यह प्रक्रिया शिक्षकों के उनके मूल नियुक्ति स्थल से वर्तमान के विद्यालय की दूरी को ध्यान में रखकर की गई है। प्राथमिकता के रूप में शिक्षकों द्वारा दिए गए च्वाइस विद्यालय को भी आंशिक महत्व मिला। हालांकि, कई शिक्षक अपने स्थानांतरण से खुश नहीं है। गोपालगंज के राजपुर से स्थानांतरित होकर आई एक शिक्षिका पूजा कुमारी ने शुक्रवार को मध्य विद्यालय रघुनाथपुर कन्या में योगदान किया। शिक्षिका पचरुखी प्रखंड के ही किसी में स्कूल में अपना स्थानांतरण चाह रही थी। विशिष्ट शिक्षिका पूजा कुमारी का घर पचरुखी में ही है। शिक्षिका को हेडमास्टर राकेश कुमार सिंह ने योगदान कराया। इस मौके पर प्रसेनजित पांडेय, दिनेश कुमार सिंह, अजय कुमार, संतोष कुमार, त्रिभुवन माली व अन्य शिक्षक मौजूद थे।

शिक्षकों को मिली खुद से स्थानांतरण की सुविधा


सरकार ने शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए स्वयं स्थानांतरण की सुविधा देने का निर्णय लिया है। अब शिक्षक ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से अपनी श्रेणी और विषय अनुसार आपसी सहमति से विद्यालयों का चयन कर सकेंगे। यह प्रक्रिया 10 जुलाई से जुलाई माह के अंत तक लागू रहेगी। इससे हजारों शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने यह निर्णय शिक्षकों की असंतुष्टि व विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए लिया है।
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