सरकारी स्कूल के बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ मध्याह्न भोजन, किताब, पोशाक, कॉपी और छात्रवृत्ति की राशि आदि दिए जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन धरातल सरकार का गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दावा पूरी तरह फेल नजर आ रही है। विद्यालयों में मेन्यू के आधार पर एमडीएम का संचालन नहीं होना तथा छात्रों की फर्जी उपस्थिति दर्ज किया जाना इसका प्रमाण है। प्रखंड के कई विद्यालयों में नियम के विपरीत मेन्यू के आधार पर एमडीएम का संचालन नहीं किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ इन दिनों डिजिटल माध्यम से स्कूलों की व्यवस्था को जांच रहे हैं और वीडियो कॉल करके स्कूलों का लाइव निरीक्षण कर रहे हैं। जिसमें एमडीएम में खामियां पाई गई और कार्रवाई की गई। जिसके बाद शुक्रवार को भास्कर टीम ने प्रखंड के 7 विद्यालयों का पड़ताल की तो सभी जगह बड़ी लापरवाही मिली। सबसे ज्यादा लापरवाही मध्याह्न भोजन योजना में देखी गई। मेन्यू के अनुसार शुक्रवार को बच्चों को अंडा एवं मौसमी फल दिया जाना होता है। लेकिन विद्यालय प्रबंधन तमाम निर्देशों को दरकिनार करते हुए बच्चों के थाली में चावल-दाल और पानी जैसी सब्जी मिली तथा कहीं-कहीं फल के नाम पर सिर्फ एक केला परोसा गया। पड़ताल में यह पता चला कि विद्यालयों में कहीं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है तो कहीं शौचालय गंदा है। इसके अलावा कई जगह कक्षा में शिक्षक मोबाइल पर रील देखते नजर आए।

