बिहार में सबकुछ ठीक था, बस एक गलती में फंसे 3 BPSC टीचर! जानिए क्यों चली गई नौकरी?

 पटना: बेगूसराय जिले में तीन शिक्षकों की नौकरी चली गई। CTET में कम अंक होने के कारण डीईओ ने नियुक्ति रद्द कर दी। ये शिक्षक बीपीएससी के जरिए भर्ती हुए थे। इनमें अश्वनी पाल, आरती यादव और सोनम पटेल शामिल हैं। ये तीनों बिहार से बाहर के रहने वाले हैं। इनका CTET स्कोर 60% से कम था। नियमों के मुताबिक, उम्मीदवारों को CTET में 60% अंक लाना जरूरी है।

तीन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द

बेगूसराय के डीईओ ने 13 दिसंबर को आदेश जारी किया। इसमें तीनों शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की गई। डीईओ ने बताया कि बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 के तहत ये कार्रवाई की गई है। इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण भी माँगा गया था, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं मिला।

जॉइनिंग के बाद CTET में कम नंबर

अश्वनी पाल, आरती यादव और सोनम पटेल क्रमशः मेघौल, नुरूल्लाहपुर और पबड़ा के स्कूलों में नियुक्त हुए थे। अश्वनी पाल को CTET में 87 अंक मिले थे। आरती यादव को 84 अंक मिले थे। सोनम पटेल को 83 अंक मिले थे। हालांकि, ये अंक बिहार के बाहर के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित 60% की सीमा से कम हैं। डीईओ ने बताया कि सिर्फ बिहार के निवासियों को ही आरक्षण का लाभ मिलता है। बीपीएससी और पटना हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार, बिहार की महिलाओं को भी CTET में 5% की छूट नहीं मिलती। इसलिए, इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है।



बस एक गलती ने ले ली नौकरी

इन शिक्षकों ने अपने आवेदन में कहा था कि वे सभी जरूरी योग्यताएं पूरी करते हैं। लेकिन, CTET में कम अंक होने के कारण ये दावा गलत साबित हुआ। डीईओ ने कहा कि इन शिक्षकों ने विभाग को गुमराह किया है। बीपीएससी के विज्ञापन में दी गई शर्तों का पालन नहीं किया गया। यह विभागीय निर्देशों की अवहेलना है। इसलिए, इनकी नियुक्ति रद्द करना ज़रूरी था।



एक आदेश और नौकरी कैंसिल

आदेश में कहा गया है कि 'तीनों अभ्यर्थियों की नियुक्ति के निमित्त बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवा शर्त) नियमावली 2023 में आवश्यक प्रावधान किये गये हैं। इसके सापेक्ष इन अध्यापकों का नियुक्ति पत्र व पदस्थापन रद्द किया जाता है। किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही देय है। बीपीएससी पटना की ओर से जारी दिशा निर्देश एवं हाईकोर्ट पटना के निर्गत न्याय निर्णय के तहत स्पष्ट किया गया है कि बिहार राज्य की महिला अभ्यर्थी को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णांक के लिए पांच प्रतिशत की छूट देय नहीं है।'

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