सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की हाजिरी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में बन रहा है. पूर्व निर्धारित व्यवस्था के अनुसार शिक्षक उपस्थिति पंजी में शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कर ही रहे हैं. इस के अतिरिक्त शिक्षा विभाग द्वारा विकसित किए गये मोबाइल एप इ-शिक्षाकोष पर भी शिक्षकों की इन और आउट की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज हो रही है. इसमें शिक्षकों का दोनों ही समय लाइव फोटो कैप्चर किया जा रहा है. शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के अवकाश स्वीकृत किए गये हैं. वह भी ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मोड में दर्ज किया जा रहा है लेकिन इसी के साथ अब एक असमंजस
की स्थिति भी दिख रही है. जो शिक्षक अभी आकस्मिक अवकाश ले रहे हैं उनके लिए कुल स्वीकृत अवकाश 16 में से घटकर शेष अवकाश प्रदर्शित हो रहा है. शिक्षकों को वर्ष में सामान्यतः 16 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलता है. यह अवकाश जनवरी से दिसंबर महीने तक उपभोग किया जा सकता है. बहुत सारे शिक्षकों का वर्ष 2024 में जनवरी से लेकर नवंबर तक 16 अवकाश का उपभोग नहीं हुआ है. ऐसे में जो शिक्षक वर्ष 2024 के अपने बचे हुए आकस्मिक अवकाश का उपभोग कर रहे हैं उसके लिए इ शिक्षाकोष मोबाइल एप में कुल 16 अवकाश में से घटकर इसे प्रदर्शित किया जा रहा है. अर्थात ई शिक्षा कोष मोबाइल ऐप में अभी शिक्षकों को 16
आकस्मिक अवकाश प्रदर्शित हो रहा है जो कि जनवरी 2025 से प्रदर्शित होना चाहिए था और जो शिक्षक अभी आकस्मिक अवकाश ले रहे हैं उन अवकाश के दिनों की संख्या 16 में से माइनस होकर प्रदर्शित हो रही है. जबकि होना यह चाहिए था कि शिक्षकों के जितने अवकाश अभी शेष बचे हुए हैं वह अवकाश प्रदर्शित होना चाहिए था. ऐसे में कई शिक्षकों का कहना है कि शायद अब आकस्मिक अवकाश दिसंबर से नवंबर तक ही इ शिक्षाकोष एप पर काउंट हो रहा है इसलिए दिसंबर 2024 में जितनी संख्या में आकस्मिक अवकाश लिए जायेंगे, जनवरी 2025 में फिर 16 अवकाश प्रदर्शित नहीं होगा बल्कि शेष बचे हुए अवकाश ही प्रदर्शित होंगे. इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि यदि किसी शिक्षक ने दो दिनों का आकस्मिक अवकाश दिसंबर 2024 में ले लिया है तो वर्ष 2025 में 14 की संख्या में आकस्मिक अवकाश प्रदर्शित होगा. ऐसा होने से बहुत सारे शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेने से बच रहे हैं क्योंकि यदि दिसंबर में आकस्मिक अवकाश ले लिया जाएगा.
