शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव

शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव

 शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव:


सिर्फ एक अनुमंडल वाले जिलों में बाहर नहीं होगी पोस्टिंग, शिक्षा मंत्री बोलें- लिस्ट में 8 जिलों का नाम


बिहार सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। वैसे जिलें, जहां सिर्फ और सिर्फ एक अनुमंडल हैं, वहां के शिक्षकों को जिले से बाहर नहीं भेजा जाएगा। सिंगल सब डिवीजन वाले डिस्ट्रिक के शिक्षक उसी जिले में पोस्टिंग पाएंगे। बिहार में कुल 8 ऐसे जिले हैं, जहां एक जिले में सिर्फ एक अनुमंडल है।



सब डिवीजन को डिवीजन में बांटा जाएगा


वैसे जिलें जहां सिर्फ और सिर्फ एक अनुमंडल है, वहां के शिक्षकों की पोस्टिंग अनुमंडल के अंदर ही होगी। शिक्षा विभाग ऐसे अनुमंडल को अपने स्तर पर डिवाइड करेगा। शिक्षकों की पोस्टिंग अनुमंडल के अंदर डिवीजन कर किया जाएगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि वैसे 8 जिले जहां एक अनुमंडल हैं, वहां पर सब डिवीजन को डिवीजन में बांट कर शिक्षकों की पोस्टिंग होगी।


पॉलिसी मे अमेंडमेंड होगा


शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी में अमेंडमेंट होगा। शिक्षा विभाग फ्यूचर में बिल को संशोधित भी कर सकती है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट कहा है कि लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा से पारित होने वाले कानून संशोधित किए जाते हैं। शिक्षकों के तबादले वाले नियमावली क्यों नहीं संशोधित किए जा सकते हैं। राज्य सरकार जरूरत के हिसाब से कानून को सुधार करेगी और सुविधा के हिसाब से बिल और कानून बनाए जाते हैं।


शिक्षक धर्म का पालन करना चाहिए : ACS


दरअसल, सम्राट अशोक कन्वेंशन के ज्ञान भवन में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती और शिक्षा दिवस 2024 पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, ACS डॉ. सिद्धार्थ समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम को ACS सिद्धार्थ ने संबोधित किया। उन्होंने शिक्षा मे सभी की भागीदारी को जरूरी बताया। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुएकहा कि राज्य के भविष्य को आप शिक्षा दें रहे हैं। यह याद रखें। इसका असर समाज पर पड़ेगा। शिक्षको का काम सिर्फ सरकारी नौकरी करना नहीं है, बल्कि बच्चे सही ढंग से पढ़े यह भी शिक्षक सुनिश्चित करें।


स्कूल की टाइमिंग और शिक्षा की गुणवत्ता पर ACS ने कहा कि स्कूल की टाइम और पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर बार-बार पत्र निकाले गए हैं, लेकिन बार-बार इसका जिक्र करना पड़ता है। शिक्षकों को राजधर्म की तरह शिक्षक धर्म का पालन करना चाहिए।



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