समस्याओं से जूझ रहे छात्र... डीएम-एसपी को निरीक्षण में मिला सब चकाचक

 समस्याओं से जूझ रहे छात्र... डीएम-एसपी को निरीक्षण में मिला सब चकाचक

जिस नवोदय विद्यालय में अव्यवस्थाओं पर छात्रों का गुस्सा भड़का, उसका डीएम और एसपी ने शुक्रवार को ही निरीक्षण किया था। वहां सब कुछ चकाचक मिला था। छात्रों का कहना है कि डीएम को वहीं ले जाया गया, जहां सब कुछ सही था। जहां अव्यवस्थाएं थीं, वहां नहीं ले जाया गया। छात्रों से भी बात नहीं करने दी।



छात्रों ने बताया कि हॉस्टल के कमरों और कुछ कक्षाओं में पुराने पंखे लगे हुए हैं, जो काफी धीमी गति से चलते हैं। छात्र पसीने-पसीने हो जाते हैं। बिजली नहीं आने पर जेनरेटर नहीं चलाया जाता। छात्रावास में मच्छर हैं और रात को सो भी नहीं पाते। मच्छरों के काटने से पीठ पर खुजली हो रही है। 


नींद पूरी नहीं होती और सुबह 5:00 बजे उनको व्यायाम व पीटी के लिए उठा दिया जाता है। शिक्षक उन्हें गालियां देते हैं। 

छात्रों ने बताया कि जो नाश्ता उनको दिया जाता है, उसकी क्वालिटी खराब होती है। खाने में भी मशीनों से सिकी रोटियां कच्ची रह जाती है। इससे उनके पेट में तकलीफ होती है। बीमार पड़ने पर मेडिकल कैंप से केवल पैरासिटामोल दी जाती है। जिलाधिकारी राहुल पांडे और एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा को शुक्रवार को निरीक्षण के समय विद्यालय का केवल अच्छा पहलू दिखाया गया। उन्हें वहां ले जाया गया, जहां की व्यवस्थाएं चाक चौबंद थी। 

विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर भगवान सिंह से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह जो भी कारण हैं, वह अधिकारियों को बताएंगे। सभी छात्र विद्यालय कैंपस के छात्रावास में रहते हैं, वह उन्हें आकर समस्या बताते तो समस्या का समाधान करा देते। विद्यालय के शिक्षा स्तर का पता उसके हाई स्कूल और इंटर के परीक्षा फल को देखकर लगा सकते हैं। 



प्रशासन और पुलिस ने कराई पानी की व्यवस्था, छात्रों ने नहीं लिए बिस्किट के पैकेट 




जवाहर नवोदय विद्यालय अगसौली से सिकंदराराऊ तहसील की दूरी करीब 11 किलोमीटर है। भीषण गर्मी और उमस भरे मौसम में छात्रों ने पैदल ही तहसील के लिए कूच कर दिया। करीब तीन किलोमीटर पैदल चले और इसके बाद भी करीब साढ़े तीन घंटे तक सड़क पर बैठे रहे। कोई छाया नहीं थी, नीचे से तपती सड़क और ऊपर से तेज गर्मी। छात्र बेहाल हो गए थे, कुछ तो सड़क पर ही लेट गए। 


छात्रों के तहसील कूच की सूचना पर एसडीम धर्मेंद्र सिंह चौहान, पुलिस क्षेत्राधिकारी जैनेंद्र नाथ अस्थाना, इंस्पेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अन्य थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। कुछ पुलिस कर्मियों अगसौली और सिकंदराराऊ से पीने के पानी की थैलियों के बोरे लेने भेजा। छात्र तीन किलोमीटर पैदल चलकर आए थे। भूख और प्यास से इनका बुरा हाल था। पानी की थैलियां आने में देरी हुई तो खेमगढ़ी टोल प्लाजा पर सबमर्सिबल पंप चलवाया गया, जहां छात्रों ने प्यास बुझाई। इसके बाद पानी की थैलियां दी गईं। सुबह से भूखे छात्रों के लिए बिस्किट के पैकेट मंगवाए गए, उन्हें छात्रों को दिया गया, लेकिन उन्होंने लेने से इन्कार कर दिया। कुछ छात्रों ने ले भी लिए, साथी छात्रों ने नाराजगी जताई तो उन्हें बिस्किट के पैकेट फेंक दिए। एसडीएम और सीओ बार-बार समस्या के समाधान का आश्वासन देते रहे। लेकिन छात्र अड़े रहे कि जब तक डीएम नहीं आएंगे, वह यहां से नहीं उठेंगे। जिन छात्रों की हालत गर्मी में खराब हो गई थी और वह सड़क पर लेटे थे, उन्हें पुलिसकर्मियों ने सहारा देकर के उठाया औरउन्हें छांव में बिठाया। 



-विद्यालय में लगे पंखे खराब हो गए हैं। गंदगी है और परिसर में गंदा पानी भरा हुआ है। इस कारण मच्छर पनपते हैं। सभी से शिकायत की, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं। 

शिवा, छात्र। 

-स्कूल में खाना तक अच्छा नहीं मिलता है। एक समय खाना खा पाते हैं। बिजली न आए तो जेनरेटर नहीं चलाया जाता है। गर्मी में बहुत परेशान रहते हैं। 

अरविंद कुमार, छात्र 
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