लखनऊ। प्रदेश के सरकारी स्कूलों के मर्जर (विलय) को लेकर चल रही कवायद पर आज लखनऊ हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की। अदालत ने साफ कहा कि राज्य सरकार को अब तक हुए सभी आदेशों और निर्णयों को रिकॉर्ड पर लाना होगा, जिससे अदालत पूरे मामले की गहराई से पड़ताल कर सके। कोर्ट ने साथ ही यह भी निर्देश दिया कि सीतापुर ज़िले के स्कूलों के संबंध में वर्तमान स्थिति को यथावत बनाए रखा जा, यानी वहां फिलहाल कोई नया बदलाव लागू नहीं होगा।
हाईकोर्ट ने इस दौरान स्पष्ट गाइडलाइन दी कि –
✅1 किलोमीटर से कम दूरी वाले स्कूलों की पेयरिंग (जोड़ने की प्रक्रिया) नहीं की जाएगी।
✅50 से अधिक विद्यार्थियों वाले विद्यालयों को मर्जर प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा।
इस फैसले से उन स्कूलों और विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है जो मर्जर की प्रक्रिया से प्रभावित हो सकते थे। अभिभावकों और शिक्षकों ने भी अदालत के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि बच्चों की पढ़ाई और स्कूलों की पहचान को देखते हुए यह बेहद संतुलित निर्णय है।
अदालत ने यह भी माना कि सरकार का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है, लेकिन नियमों और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए ही बदलाव किए जाने चाहिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई **1 सितंबर** को होगी, जिसमें सरकार को अपने पक्ष और उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी पेश करनी होगी।
👉 प्रदेशभर के स्कूलों और छात्रों की नज़र अब अगली सुनवाई पर टिकी हुई है, क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर लाखों बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है।
स्कूल मर्जर के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, स्कूल मर्जर पर लखनऊ हाइकोर्ट ने दिया आदेश, स्कूलों के मर्जर आदेश रिकार्ड में लाए जाने के निर्देश, 1 सितंबर को होगी अगली सुनवाई, सीतापुर के स्कूलों के मर्जर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश, 1KM से कम दूरी वाले स्कूलों की पेयरिंग नहीं की जाएगी, जिन स्कूलों में 50 से अधिक विद्यार्थी, उन्हें मर्जर से बाहर रखा जाएगा।