शिक्षक को निजी बाइक चालक प्रतिनियुक्त करने वाले बीईओ दंडित

 शिक्षक को निजी बाइक चालक प्रतिनियुक्त करने वाले बीईओ दंडित




सरकारी शिक्षक को अपने मोटरसाइकिल चालक के रूप में प्रतिनियुक्त करना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भारी पड़ गया। मामले की सुनवाई के बाद जिले के तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम उदय महतो पर कार्रवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक विद्यालय के शिक्षक को मोटरसाइकिल चालक के रूप में तैनात करने का आरोप प्रमाणित हो जाने के बाद शिक्षा विभाग ने बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के तहत उक्त बीईओ के एक वेतन वृद्धि रोकने बीका दंड लगाया गया है। यह दंड उनकी सेवा पुस्तिका में स्थायी रूप से दर्ज की गई है। बता दें सदर प्रखंड में पदस्थापित राम उदय महतो फिलहाल बेगूसराय जिले


के तेघड़ा प्रखंड में बीईओ के पद पर पदस्थापित हैं। पूर्व बीईओ पर की गई कार्रवाई की जानकारी शिक्षा विभाग के निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) द्वारा खगड़िया एवं बेगूसराय के जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कोषागार पदाधिकारी को दी गई है।

जानकारी के मुताबिक मामले में तत्कालीन डीईओ ने बीईओ से स्पष्टीकरण पूछा था, लेकिन इनका जबाव संतोषजनक नहीं पाया गया। जिसके बाद बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 का उल्लंघन करने, कार्य के प्रति स्वेच्छाचारिता एवं उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने, पदीय कदाचार एवं विभागीय शिष्टाचार के विपरीत कार्य करने के आरोप में बीईओ के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा डीईओ ने की।

सदर प्रखंड में फरवरी 2023 का मामला


यह मामला 9 फरवरी 2023 का है। जब राम उदय महतो ने खगड़िया में कार्यरत रहते हुए मध्य विद्यालय नवटोलिया, रसौंक में पदस्थापित प्रखंड शिक्षक संजीव कुमार को अपना निजी मोटरसाइकिल चालक के रूप में प्रतिनियुक्त कर दिया था। इन्होंने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करते हुए प्रतिनियुक्ति आदेश भी जारी कर दिया। पत्र जारी होते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विवाद बढ़ते देख कुछ ही घंटे बाद बीईओ ने दूसरा पत्र (पत्रांक 98 'क') जारी कर प्रतिनियोजन रद्द कर दिया। हालांकि, तबतक काफी देर हो चुकी थी। बीईओ का पहला आदेश सार्वजनिक हो चुका था और विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था। वरीय अधिकारियों तक बात पहुंचने पर बीईओ से डीईओ द्वारा स्पष्टीकरण पूछा गया और मामले की जांच कराई गई।

जांच में बीईओ दोषी करार, नहीं दे पाए कोई भी संतोषजनक जवाब


जिला शिक्षा पदाधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर प्रपत्र' क' गठित बीईओ पर लगे आरोपों की सुनवाई की गई. आरोप के आधार पर विभागीय स्तर पर जांच कराई गई। जांच में यह स्पष्ट पाया गया कि शिक्षक को निजी कार्य में लगाने का आदेश प्रशासनिक अधिकारों का दुरुपयोग था। मामले की सुनवाई के भी संचालन पदाधिकारी के द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से जवाब मांगा गया। बताया जाता है कि इनका जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर संचालन पदाधिकारी ने भी इनके जवाब को खारिज कर दिया। जिसके बाद इन्हें सजा के तौर एक वेतन वृद्धि पर असंचयात्मक प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किए गए।
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