शराब की दुकान खोल रही सरकार, फिर स्कूल बंद क्यों कर रही
Sonebhadra News: परिषदीय विद्यालयों को समायोजित कर बंद किए जाने के खिलाफ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार शराब की दुकानें खोल रही है तो स्कूल क्यों बंद हो रहे हैं।
प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध जताते हुए माकपा की जिला कमेटी ने राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को सात सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा।प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे माकपा के जिला मंत्री नंदलाल आर्य ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने पर तुली है।
प्रदेश के लगभग 5000 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का निर्णय जनविरोधी है। इसमें सोनभद्र जनपद के 84 विद्यालय भी शामिल हैं। एक तरफ सरकार के पास शराब की दुकानें संचालित करने के लिए संसाधन हैं, लेकिन बच्चों की शिक्षा के लिए नहीं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही करीब 1.93 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं और बेरोजगारों की लंबी कतार है। बावजूद स्कूलों को बंद किया जाना शिक्षा के अधिकार (राइट टू एजुकेशन) जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
इस मौके पर जिला मंत्री परिषद सदस्य प्रेमनाथ, पुरुषोत्तम, श्याम नारायण सिंह, जिला कमेटी सदस्य लल्लन राम, ब्रांच मंत्री चुर्क हनुमान प्रसाद, माथुर प्रसाद आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
