तबादले का सीजन समाप्त, अब छह महीने इंतजार करना होगा
बिहार सरकार के कर्मचारियों के तबादले का सीजन अब समाप्त हो गया है। चाहत के बावजूद इससे वंचित रह गए कर्मचारियों को अब कम से कम छह महीने इंतजार करना होगा। सामान्य प्रक्रिया के तहत दिसंबर में ही इन कर्मचारियों का ट्रांसफर संभव हो सकेगा। जिन कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर की मजबूरी है, मसलन किन्हीं के जीवनसाथी या संतान गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तो उन्हें इलाज के ग्राउंड पर ट्रांसफर मिल सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन के कर्मचारियों को जिलास्तरीय स्थापना समिति में गुहार लगानी होगी। राज्यस्तरीय सेवाओं के कर्मचारियों और अधिकारियों को विभागीय सचिव के पास आवेदन देना होगा। विभागीय स्थापना समिति में इसके अनुमोदन के बाद उनके स्थानांतरण पर मुहर लग जाएगी। कई मामलों में इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति भी जरूरी है।
ट्रांसफर के लिए चुनाव आयोग से भी अनुमति लेनी होगी
दिसंबर से पहले तबादले का आवेदन देने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए यह जरूरी है कि उन्हें चुनाव कार्य से किसी भी रूप में जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए। चुनाव पूर्व प्रक्रिया की शुरुआत हो जाने के कारण ऐसे मामलों में में चुनाव आयोग की परमिशन भी जरूरी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वहां से आदेश मिलने के बाद ही ट्रांसफर ऑर्डर लागू होगा।
एक्स कैडर पदस्थापन में दो विभागों की सहमति जरूरी
एक्स कैडर पदस्थापन के लिए दो विभागों की सहमति जरूरी होगी। इसे ऐसे समझें कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कोई चिकित्सक किसी जेल के अस्पताल में पदस्थापन चाहता है तो उस डॉक्टर को निजी कारणों या सरकारी जरूरत दोनों ही मामलों में स्वास्थ्य विभाग और कारा विभाग दोनों की सहमति के बाद ही पदस्थापन किसी जेल के हॉस्पिटल में होगा।
पुलिसकर्मियों के तबादले पर नहीं रहेगी रोक
पुलिसकर्मियों के तबादले पर किसी तरह की रोक लागू नहीं रहेगी। सामान्य दिनों की तरह ही उनकी तैनाती का स्थान प्रशासनिक जरूरतों के मुताबिक बदलता रहेगा। आम दिनों में शिक्षकों के लिए भी यही व्यवस्था रहती है, परंतु शिक्षकों के चुनाव कार्य से जुड़े होने और चुनाव पूर्व की प्रक्रिया शुरू हो जाने के कारण ऐसे मामलों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से पूर्वानुमति आवश्यक है। इसके बाद ही शिक्षा विभाग दिसंबर से पहले किसी शिक्षक का तबादला कर सकेगा।