शिक्षक पांच और नामांकित बच्चे नौ, पर नहीं आते पढ़ने
जब भी स्कूलों की बात आती हैं, तो दिमाग में आता है कि बेंच से भरे क्लास, प्लेग्राउंड, छात्रों का हुजूम, नन्हे बच्चों की किलकारियां, सुबह में होने वाली प्रेयर की गुंज और विद्यालय में बजाने वाले घंटी की आवाज गर चलने वाले शिक्षक व छात्र होंगे, लेकिन, आज हम आपको बहुत ही अजीब या कहें, एक अनोखे स्कूल की जानकारी देने जा रहे हैं. जिसे जानकर आपको भी हैरानी होगी कि कैमूर जिले के कुदरा प्रखंड का एक स्कूल नदोखर प्राथमिक विद्यालय ऐसा भी है. जिसमें पांच शिक्षक तैनात हैं. लेकिन, स्कूल में एक भी छात्र छात्राएं पढ़ने के लिए नहीं आते हैं. खास बात यह है कि यह सिलसिला केवल पिछले एक-दो महीने का नहीं हैं, बल्कि कई वर्षों से यहां 12 से 13 बच्चों का ही नामांकन होता है. इसमें भी सिर्फ आधे बच्चे ही पढ़ने के लिये आते हैं. इस वर्ष अगर नामांकन के आंकड़ों पर नजर डालें, तो मात्र नौ छात्रों का ही विद्यालय में नामांकन हुआ है. लेकिन, इसके बावजूद भी पांच शिक्षकों की तैनाती इस स्कूल में की गयी है. स्कूल के टीचर भी स्कूल पहुंचते हैं और अपनी ड्यूटी पूरी कर घर वापस लौट जा ते हैं. छात्र स्कूल किस कारण नहीं आ रहे हैं, ये सिर्फ स्कूल प्रशासन या अभिभावक ही जानते हैं. फिलहाल यह स्कूल पूरे जिले में काफी चर्चा का केंद्र बना हुआ है. स्कूल दो मंजिला, सभी कमरे चकाचक गौरतलब है कि छात्रों का विद्यालय में नामांकन नी ही है. लेकिन, छात्र-छात्राएं प्रतिदिन विद्यालय पढ्ने नहीं आते हैं. जबकि, विद्यालय का भवन व वर्ग कक्ष चकाचक है. विद्यालय में बना दो मंजिला भवन देखने में लगता है कि विद्यालय में पढ़ने के लिए काफी संख्या में छात्र छात्राएं आते होंगे. लेकिन, जमीनी हकीकत यह है कि कभी कभार को छोड़ दें, तो प्रतिदिन शिक्षक-शिक्षिकाएं विद्यालय में बैठकर छात्रों का इंतजार करते हैं. छात्र
नहीं आते हैं, तो अपना ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कर विद्यालय में ताला लगा ड्यूटी पूरी कर घर चले जाते हैं.