Primary ka master: शिक्षकों की वेतन विसंगति जल्द होगी दूर

 शिक्षकों की वेतन विसंगति जल्द होगी दूर



राज्य के सरकारी विद्यालयों में सेवारत डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षकों की वेतन विसंगति यथाशीघ्र दूर होगी। विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश के समापन के बाद शिक्षकों से वेतन विसंगति संबंधित आपत्तियां ली जाएंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने संबंधित अधिकारियों को तैयारी करने का निर्देश दिया है। निर्देश के अनुसार, शिक्षकों के वेतन का पुनर्निर्धारण होगा तथा पुनर्निर्धारित वेतन में बकायों का भुगतान भी होगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ का निर्देश, ग्रीष्मावकाश खत्म होने के बाद शिक्षकों से ली जाएंगी आपत्तियां

बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विधान परिषद में शिक्षकों की वेतन विसंगति और सेवा निरंतरता का लाभ देने की घोषणा की थी। तकरीबन तीन माह बाद शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के लंबित मामलों का निष्पादन हेतु आवश्यक कदम उठाया गया है। मंगलवार को शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के सरकारी

विद्यालयों में नियोजित और इस श्रेणी से विशेष बने शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करें। तब शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा कर विभाग ने प्राथमिकता के आधार पर 31 जुलाई से पहले शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करने की डेडलाइन तय की है। रोचक यह कि वेतन विसंगति की स्थिति यह है कि माध्यमिक शिक्षकों से अधिक प्राथमिक शिक्षकों को वेतन मिल रहा है। संवर्ग परिवर्तन होने से वरीयता प्रभावित हो रही है।
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