शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण को गाइडलाइन जल्द
पटना। शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण का गाइडलाइन (विस्तृत अनुदेश) जल्द जारी होगा। गाइडलाइन 10 जुलाई के पहले आयेगा। इसलिए कि 10 जुलाई से ही शिक्षक अपना पारस्परिक स्थानांतरण लेंगे। गाइडलाइन जारी होने के बाद ही 1 ली से 5वीं से ऊपर की कक्षाओं के शिक्षकों के स्कूल आवंटन को लेकर स्थिति साफ होगी।
राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की कुर्सी डॉ. एस. सिद्धार्थ को के. के. पाठक के स्थानांतरण के बाद सौंपी। के. के. पाठक के कार्यकाल में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के आधार पर दो चरणों में बहाल अध्यापकों की पोस्टिंग हो चुकी थी। दो चरणों सक्षमता परीक्षा के आधार पर अधिकांश नियोजित शिक्षक ' विशिष्ट शिक्षक' बन चुके थे। नियोजित से विशिष्ट बने शिक्षकों की पोस्टिंग भी दूसरे स्कूलों में करने की श्री पाठक की योजना थी। लेकिन, इसी बीच उनके
स्थानांतरित हो जाने से विशिष्ट शिक्षकों को राहत मिल गयी। के. के. पाठक के स्थानांतरण के साथ ही शिक्षकों ने ऐच्छिक तबादले की मांग शुरू कर दी। इस मामले में शिक्षकों के साथ ही शिक्षक संगठनों द्वारा भी शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार एवं अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ अनुदेश जारी होने के बाद स्थिति होगी साफ
के दरवाजे खटखटाये जाने लगे। इसे शिक्षा विभाग खास कर अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने संवेदनशीलता के साथ लिया। जिले के बाहर एवं जिले के अंदर ऐच्छिक तबादले के लिए ऑप्शन के साथ गत दिसंबर में शिक्षकों से ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लिये गये। अलग-अलग स्थानांतरण श्रेणी के एक लाख 90 हजार शिक्षकों द्वारा ऑप्शन के साथ ऑनलाइन आवेदन दिये गये। इनमें से एक लाख 30 हजार
शिक्षकों का सॉफ्टवेयर के माध्यम से
स्थानांतरण किया गया। उसके बाद स्थानांतरित शिक्षकों के स्कूल आवंटन की बारी थी। स्कूल आवंटन का कार्य भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से शुरू हुआ। इस बीच शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से कहा कि अगर वे वर्तमान स्कूल में ही बने रहना चाहते हैं, तो स्थानांतरण का अपना आवेदन ऑनलाइन वापस ले सकते हैं। इसके लिए तय समय-सीमा में तकरीबन 11 हजार शिक्षकों द्वारा अपने आवेदन वापस लिये गये। तो, स्कूल आवंटन के लिए स्थानांतरित शिक्षकों की विवरणी संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को उनके लॉगइन में उपलब्ध करायी गयी। पारदर्शिता बरतने के लिए विवरणी में शिक्षकों के नाम नहीं थी। उसमें सिर्फ उनकी कोटि एवं विषय का उल्लेख था। एक शिक्षक की पोस्टिंग के बाद ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के लॉगइन में दूसरे शिक्षक की विवरणी आती है।
इसी प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण श्रेणी एक से छह के 26,776 आवेदक
शिक्षकों में से 26,665 शिक्षकों कोई शिक्षाकोष पोर्टल पर 19 जून को स्कूल आवंटित किये गये। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने यह व्यवस्था भीदी कि अगर शिक्षक आवंटित विद्यालय में योगदान नहीं करना चाहते हैं, तो वर्तमान स्कूल में ही बने रहें। इससे उन शिक्षकों को राहत मिल गयी, जिन्हें
आवंटित विद्यालय से ज्यादा सुविधाजनक वर्तमान स्कूल ही लग रहा था। इसके बाद 21 जून को दूरी के आधार पर आवेदन देने वाले 1ली से 5वीं कक्षा के 45,885 शिक्षकों में से 34,441 शिक्षकों को स्कूल आवंटन किया गया। शिक्षा विभाग ने यह निर्देश भी दिया कि योगदान करने के बाद शिक्षक अपनी समस्या को लेकर ई शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन दें, उनकी समस्याओं का निराकरण जिला स्थापना समिति
करेगी। लेकिन, इससे ऐसे शिक्षक संतुष्ट नहीं हुए, जिन्हें पोस्टिंग के लिए इच्छित स्कूल नहीं मिले। ऐसे शिक्षकों का जब शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय पर दबाव बढ़ा, तो शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को ही यह अधिकार दे दिया कि वे ई-शिक्षाकोष के माध्यम से पारस्परिक तबादला खुद लेलें।
शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें, तो अब तक 61 हजार 106 शिक्षकों को स्कूल आवंटन हुआ है। इनमें ऐसे शिक्षकों की संख्या चार हजार से भी कम है, जिन्हें उनका ऑप्शन नहीं मिला। बहरहाल, दूरी के आधार पर स्कूल आवंटन का इंतजार कर रहे 6ठी से 8वीं, 9वीं-10वीं एवं 11वीं-12वीं कक्षा के शिक्षकों के समाने यह सवाल है कि पारस्परिक स्थानांतरण में वे भी शामिल हैं या उनका स्कूल आवंटन अलग से होगा ? बहरहाल, इस सवाल के जवाब के लिए उन्हें पारस्परिक स्थानांतरण के गाइडलाइन का इंतजार है।