हफ्ते भर में योगदान नहीं करने पर रद होगा समूह के शिक्षकों का स्थानांतरण
राज्य के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को खुद पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से मिली है। लेकिन, इस व्यवस्था के तहत स्थानांतरण के इच्छुक एक ही विषय एवं एक केटेगरी के शिक्षक अधिकतम दस शिक्षकों का समूह बनाना होगा तभी आपस में परस्पर स्थानांतरण ले सकेंगे। इस प्रक्रिया के तहत संबंधित शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश तीन दिनों में जारी होंगे और सात दिनों के अंदर संबंधित शिक्षक चयनित विद्यालय में अनिवार्य रूप से योगदान करेंगे। यदि पूरे समूह में एक भी शिक्षक योगदान देने से इन्कार करेंगे, तो समूह के सभी शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश रद हो जाएगा।
शिक्षकों के परस्पर स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग ने एकगाइडलाइन तैयार किया है, जिसे जल्द ही सभी जिलों को जारी किया जाएगा। इससे शिक्षकों को अपना स्थानांतरण कर विद्यालय चयन स्वयं करने में सुविधा होगी। इसके तहत एक ही प्रकार के शिक्षक दो या दो से अधिक अधिकतम दस शिक्षकों का अपना समूह बनाकर अपने बीच उन विद्यालयों में परस्पर स्थानांतरण कर सकेंगे। चूंकि शिक्षा विभाग द्वारा इस माह जून में विभिन्न तिथियों को शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है, इसलिए विशेष स्थिति में यह व्यवस्था 10 जुलाई से 31 जुलाई तक उपलब्ध रहेगी। इस व्यवस्था में राज्य मुख्यालय अथवा जिला स्थापना समिति की भूमिका अथवा कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।
विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों को पारस्परिक स्थानांतरण के जरिए अपना स्थानांतरण खुद लेने का अधिकार इसलिए दिया गया है, क्योंकि स्थानांतरण की वजह से विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती विभाग के समक्ष हो गई है। पारस्परिक स्थानांतरण के जरिए शिक्षकों को अपना स्थानांतरण खुद लेने संबंधी आदेश में शिक्षा विभाग ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। यह भी देखा गया है कि शिक्षकों का 400 किलोमीटर की दूरी से 30 किलोमीटर की दूरी पर पदस्थापन होने के बावजूद वे संतुष्ट नहीं हैं और उनके द्वारा विभिन्न स्तर पर शिकायत दर्ज कराई जा रही है। साथ-ही-साथ जिस विद्यालय से कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया, लेकिन वहां कोई शिक्षक पदस्थापित नहीं हो सके, वहां शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है।
शिक्षकों ने सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी
जासं, पटना: बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा जारी शिक्षकों आपसी स्थानांतरण आदेश का विरोध किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने कहा कि आपसी स्थानांतरण का निर्णय शिक्षकों के साथ मजाक है। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि ऐच्छिक स्थानांतरण की लंबित प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया, तो पांच जुलाई को पटना में शिक्षक प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्षों से दूसरे जिलों में कार्यरत महिला और पुरुष शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन दे रखा है, लेकिन उनका गृह जिला लौटना सपना है। विशेष कैटेगरी के शिक्षकों को भी विभागीय भूल से 70-80 किमी दूर भेजा गया है। जिसे संशोधित कर तत्काल प्रभाव से गृह पंचायत में पदस्थापित किया जाना चाहिए।
