पटना। राज्य में 60,226 शिक्षकों के स्थानांतरण पर दूसरे चरण में निर्णय होगा। यह निर्णय समीक्षोपरांत लिया जायेगा। राज्य में स्थानांतरण के लिए एक लाख 90 हजार 226 शिक्षकों द्वारा स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन दिये गये थे। उनमें 760 कैंसर से पीड़ित, 2579 असाध्य रोगों से पीड़ित, 5575 दिव्यांग, 1338 विधवा व परित्यक्ता शामिल थे। इसके साथ ही पति-पत्नी के पदस्थापन के आधार पर 16365, दूरी के आधार पर 70167 महिला शिक्षक एवं दूरी के आधार पर ही 92000 पुरुष शिक्षकों द्वारा भी स्थानांतरण के लिए आवेदन किये गये थे। ऑनलाइन आवेदन करने वाले एक लाख 90 हजार 226 शिक्षकों में से एक लाख 30 हजार शिक्षक स्थानांतरित किये जा चुके हैं। बाकी बच गये 60,226 शिक्षक, जिनके आवेदन पर विचार नहीं किया जा सका।
शिक्षा विभाग ने कहा है कि ऐसे शिक्षकों के संदर्भमें द्वितीय चरण में समीक्षोपरांत निर्णय लिया जायेगा। हालांकि, ऐसे शिक्षकों के लिए ई-शिक्षाकोष पर यह विकल्प उपलब्ध कराया गया है कि वे या तो अपना आवेदन वापस ले लें अथवा उस आवेदन को डीलीट कर नये सिरे से विकल्प को भर सकते हैं। जो शिक्षक में पूर्व में भरे गये कारण को बदलना चाहते हैं, वे भी अपना पूर्व का आवेदन डीलीट कर नये सिरे से आवेदन भी दे सकते हैं। इन सभी आवेदनों पर द्वितीय चरण में जिलों में रिक्ति की उपलब्धता एवं छात्र शिक्षक अनुपात के आधार पर विचार होगा।
शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, अररिया, कटिहार,
खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर एवं मधुबनी जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात औसत से काफी ज्यादा है। नया विकल्प चुनते समय शिक्षक यदि इन जिलों का विकल्प चुनेंगे, तो उस पर यथाशीघ्र विचार होगा।
इस बीच बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा कि शिक्षा विभाग ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए बड़ी संख्या में शिक्षकों का स्थानांतरण किया है। लेकिन, अभी भी 60 हजार शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो पाया है। ऐसे शिक्षक परेशान हैं कि आखिर उनका स्थानांतरण अटक क्यों गया ? इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह उन्होंने शिक्षा विभाग से किया है।