बिहार में परीक्षा पास होने के 6 महीने के बाद भी 42918 प्रधान शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई। हालांकि इनकी काउंसिलिंग हो चुकी है। प्रधान शिक्षकों को जिला आवंटित हो चुका है, लेकिन स्कूल नहीं मिला है। जबकि प्रधानाध्यापकों को अभी जिला अनवंटन ही नहीं हुआ है। विभाग की मानें तो नियुक्ति प्रक्रिया के काम जारी है।
जानकारी के मुताबिक, राज्य के सरकारी स्कूलों में 36947 प्रधान शिक्षकों और 5971 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होगी। सबसे अधिक 1984 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति पटना में होगी। जबकि पूर्वी चंपारण में 1914, मधुबनी में 1883, गया में 1697 और पश्चिमी चंपारण में 1639 प्रधान शिक्षकों नियुक्त किए जाएंगे।
प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति की जाएगी। प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनी है, जो टीआरई-3 पास अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति करेगी। अबतक टीआरई-3 पास अभ्यर्थियों को स्कूल आवंटित किया जा चुका है। जबकि प्रधान शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए काम किया जा रहा है।
पिछले साल जून में परीक्षा हुई, नवंबर में रिजल्ट आया था
प्रधान शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए मार्च 2024 में वैकेंसी निकली थी। इनकी परीक्षा 28-29 जून को राज्य में विभिन्न केंद्रों पर हुई थी। इसमें 1.50 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रधान शिक्षकों के लिए पहले 40247 और प्रधानाध्यापकों के लिए 6061 पदों पर नियुक्ति होनी थी। लेकिन आरक्षण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वैकेंसी में बदलाव किया गया। इसके बाद 37943 पदों पर प्रधान शिक्षकों और 5971 पदों पर प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा हुई। 1 नवंबर को रिजल्ट आया। हालांकि प्रधान शिक्षक के लिए केवल 36947 अभ्यर्थी ही सफल हुए। फरवरी 2025 में इनकी काउंसिलिंग हुई।
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