जागरण ब्यूरो, नई दिल्लीः चुनाव से जुड़ी छोटी-छोटी त्रुटियों पर राजनीतिक दलों के निशाने पर रहने वाले चुनाव आयोग ने अब इन्हें खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू किया है। इनमें सबसे पहले आयोग ने चुनाव के दौरान अक्सर होने वाली त्रुटियों की पहचान की, जिनमें अधिकांश बूथ लेवल पर होती हैं। ये त्रुटियां मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया, मतदान के दौरान ईवीएम के रखरखाव, उन्हें लाने-ले जाने या फिर माक पोल, मतदान प्रतिशत आदि से जुड़ी हुई हैं। यही वजह है कि आयोग ने इस अभियान की शुरुआत भी बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) और बूथ लेवल एजेंट
(बीएलए) के प्रशिक्षण से शुरू की है।
आयोग की मानें तो वैसे तो चुनाव से जुड़ी प्रत्येक प्रक्रिया को लेकर एक तय नियम-प्रक्रिया है। चुनाव के दौरान इनमें तभी कोई गड़बड़ी होती है, जब इनमें से किसी स्टेप का ठीक तरीके से पालन नहीं किया जाता है। आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक चुनाव के
दौरान होने वाली अधिकांश ऐसी छोटी-छोटी त्रुटियां हैं, जिन्हें कोई भी जान बूझ कर नहीं करता था, बल्कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। हाल ही में बीएलओ व बीएलए के शुरू हुए प्रशिक्षण में इन कमजोरियों को नजदीक से देखा भी गया। आयोग के मुताबिक बूथ लेवल पर काम करने वाले अमले और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनावी नियम-प्रक्रियाओं को लेकर प्रशिक्षण देना शुरू किया गया है। इस साल के अंत तक बूथ लेवल पर काम करने लाले 50 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। आयोग का सबसे ज्यादा फोकस मतदाता सूची से जुड़ी त्रुटियों को खत्म करने को लेकर है।
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