जासं, सिवान : सरकारी और निजी
स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पहचान और शैक्षणिक विवरण रखने के लिए पेन (परमानेंट एनरोलमेंट नंबर) का होना अनिवार्य कर दिया गया है। विद्यार्थियों का पेन नंबर जेनरेट करने के लिए स्कूल प्रबंधकों को यू-डायस पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। यू-डायस नंबर से ही स्कूल प्रत्येक विद्यार्थियों का पेन नंबर जेनरेट कर सकते हैं। जिला शिक्षा विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यू-डायस पोर्टल पर बच्चों को न प्रोफाइल अपलोड करने वाले स्कूलों को ही यू-डायस नंबर दिया जाएगा। जिनके पास यू-डायस नंबर नहीं होगा, उनकी मान्यता पर प्रश्नचिह्न लग सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बच्चों के नामांकन से पहले अभिभावकों
को स्कूल का यू-डायस नंबर जरूर चेक करना चाहिए। जो स्कूल यू-डायस पोर्टल पर बच्चों का प्रोफाइल अपलोड करेंगे, उनको ही बच्चों को परमानेंट एनरोलमेंट नंबर (पेन नंबर) देने का अधिकार है। स्कूलों द्वारा बच्चों को दिए जाने वाला पेन नंबर 12वीं कक्षा तक मान्य रहता है। इस पेन नंबर के माध्यम बच्चे देश के किसी भी राज्य के स्कूल में जाकर नामांकन ले सकते हैं। पेन नंबर बच्चों की आइडेंटिटी की तरह काम करता है। इसमें बच्चे की पूरी जानकारी होने के साथ ही शैक्षणिक रिपोर्ट भी देखी जा सकती है।
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