बिहार से शुरुआत... क्योंकि वहां इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे

बिहार से शुरुआत... क्योंकि वहां इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे

 अगले 20 महीने में बिहार के 7.80 करोड़, प. बंगाल के 7.57 करोड़, असम के 2.45 करोड़, केरल के 2.77 करोड़ और तमिलनाडु के 6.23 करोड़ मतदाताओं के घरों तक आयोग के बीएलओ पहुंचेंगे। क्योंकि, बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होंगे। निर्वाचन प. आयोग ने वोटरों के वेरिफिकेशन और उनसे संपर्क का यह अभियान इन कारणों से शुरू किया...



राजनीतिक दल बड़े पैमाने पर वोटर जोड़े जाने की शिकायत तो करते हैं लेकिन इस बारे में होने वाली अपील और सेकंड अपील के आंकड़ों में भारी फासला दिखाई देता है... सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बाद 39 लाख नए वोटर जोड़े जाने को लेकर राजनीतिक आरोप तो लगाए गए, पर जिला निर्वाचन अफसरों के स्तर पर 89 शिकायतें ही दर्ज हुई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर तो सिर्फ एक शिकायत कराई गई। उन आरोपों की सच्चाई भी सामने आएगी कि एक ही पते पर कई वोटर्स पंजीकृत किए गए।


बूथ लेवल अधिकारियों का मतदाताओं के साथ सीधा संवाद कायम हो सकेगा। निर्वाचन आयोग के 10.49 लाख बीएलओ का राजनीतिक दलों के करीब 13 लाख 87 लाख बूथ लेवल एजेंटों से भी संवाद होगा। आयोग ने राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ 4,719 बैठकें कीं। इनमें करीब 600 फीडबैक हासिल हुए। प्रमुख सुझाव यह था कि आयोग को बूथ लेवल पर मतदाता पुष्टि और संपर्क कायम करना चाहिए।

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