छात्रों की जान से खिलवाड़

छात्रों की जान से खिलवाड़

 टिकारी प्रखंड में स्कूल की मरम्मती का कार्य अधूरा रहने के बावजूद जेई द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक को शिक्षण कार्य के लिए भवन सौंप दिया गया है। इससे ग्रामीणों के बीच पशोपेश की स्थिति है कि उस भवन में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजें या नहीं। इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार ने बताया कि भवन के एक कमरे की बीम में दरार आ गई थी। उसकी मरम्मत के लिए विभागीय कार्य शुरु किया गया था। इस बीच पठन-पाठन का कार्य सोन शिविर स्थित प्राथमिक विद्यालय में चल रहा था। मरम्मती का कार्य पूरी तरह से अभी पूर्ण नहीं हुआ है। लेकिन, मरम्मती का कार्य देख रहे जेई मनोज कुमार मनीष ने यह भवन लिखित रुप से सौंप दिया। इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीओ असगर आलम ने पहले तो मीटिंग में होने की बात कह पूरे मामले को जानकारी व्हाट्सअप पर मांगी। जब उनके व्हाट्सअप पर मामले की जानकारी दी गई। उसके बाद उन्होंने इस मामले में कोई जवाब देना भी उचित नहीं समझा।



बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है जर्जर भवन


इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि कमरे के बीम में दरार थी। उसे ठेकेदार ने ऊपर से सीमेंट से भर दिया है। जो भविष्य में किसी बड़े दुर्घटना का कारण भी बन सकता है। ऐसी घ घटना में बच्चों के जान पर भी खतरा हो सकता है। उनका कहना था कि भवन में स्थित सभी खिड़कियों के छज्जे टूटे हुए हैं। उन्हें मरम्मती के दौरान तोड़ा गया था। इसे अब तक बनाया भी नहीं गया है। भवन का रंग-रोगन भी अधूरा है। जहां तहां रंगा गया है तो कई स्थानों पर उसे छोड़ दिया गया है। भवन में तोड़े गए हिस्से के मलबों को भी वैसे ही बाहर छोड़ दिया गया है। ऐसा लगता है कि या तो ठेकेदार कार्य अधूरा छोड़कर चला गया या फिर उसे विभागीय अधिकारियों का खौफ नहीं है. 

बीईओ ने की है कई आपत्तियां

विद्यालय में चल रहे मरम्मत कार्य का प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अभय कुमार रमण ने औचक निरीक्षण किया था। 06 दिसंबर को जिला शिक्षा अधिकारी गए आपत्तियों का उल्लेख किया है। उनके अनुसार भी छह माह पूरा हो जाने के बाद भी अभी मरम्मती का कार्य पूरा नहीं हुआ है। खिड़कियों के छज्जे अभी भी क्षतिग्रस्त हैं। रंगरोगन अधूरा है। कचरे को भी पूरी तरह से हटाया नहीं गया है।

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