बिहार में लगभग 4000 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। जांच के दौरान 80% शिक्षकों का सीटीईटी में निर्धारित अंक से कम नंबर है। यानि सीटीईटी में 60% से कम नंबर है। जबकि 20% शिक्षकों ने दिव्यांग, जाति, निवास, खेल सहित अन्य प्रमाण पत्र फर्जी बनाए हैं। ऐसे में इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही फर्जी शिक्षकों से सरकार द्वारा दिए गए वेतन की भी वसूली की जाएगी। बिहार में लगभग 24 हजार शिक्षकों
की नौकरी खतरे में है। पहली जांच में उनके एक से अधिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। अब दूसरी बार फिर से जांच होगी। इस दौरान भी यदि प्रमाण पत्र के बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है, तो उनको बर्खास्त करने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, सक्षमता परीक्षा पास अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग के दौरान पहले चरण में ही 96 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी थी। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि सक्षमता परीक्षा पास 1.87 लाख अभ्यर्थियों 1 अगस्त से 13 सितंबर तक काउंसलिंग की गई थी। इस दौरान 42 हजार शिक्षकों की कई कारणों से काउंसिलिंग नहीं हुई। जबकि 3 हजार से अधिक शिक्षक काउंसिलिंग में अनुपस्थित थे। 42 हजार में 10 हजार से अधिक शिक्षकों का बॉयोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो सका है। हालांकि, जिन अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग नहीं हुई है, उनको छठ के बाद फिर से मौका मिलेगा।
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