खास मौके पर बच्चों को खिला सकेंगे मिड डे मील

 खास मौके पर बच्चों को खिला सकेंगे मिड डे मील



अगर आप अपनी किसी खास तिथि पर खुशी बांटना चाहते हैं, तो इसकी सबसे बेहतर जगह सरकारी विद्यालय भी हो सकते हैं. जहां आप तमाम नन्हें-मुन्ने बच्चों बच्चों के साथ अपनी उल्लास साझा कर सकते हैं. किसी स्कूल विशेष के छोटे बच्चों को खाना खिलाकर और मुंह मीठा कराकर संतुष्टि भी पा सकते हैं. बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में यह ट्रेंड देखा जा रहा है, जहां सैकड़ों लोग खास तिथियों मसलन जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ या अपने पूर्वजों की पुण्यतिथि पर स्कूल पहुंच कर मध्याह्न भोजन का खर्च उठाते हैं. उन्हें विशेष भोजन कराते हैं. इसे 'तिथि भोजन' कराना कहा जाता है.

बिहार राज्य मध्याह्न निदेशालय से मिली आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-2026 में में अप्रैल से जुलाई तक 1300 स्कूलों में इस तरह के 'तिथि भोजन' कराये गये हैं. यहां पर विशेष अवसरों पर सैकड़ों लोगों ने अपनी विशेष खुशी के लिए एक-एक दिन के मध्याह्न भोजन का खर्च उठाया. पिछले साल औसतन 500-600 स्कूलों में तिथि भोजन कराया गया है. शिक्षा विभाग इसको प्रोत्साहित कर रहा है. 

स्कूलों में हर साल सैकड़ों लोग करा रहे 'तिथि भोजन'


अधिकतर तिथि भोजन कराने वालों में शिक्षक, फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी, गांवों के समृद्ध लोग और एनजीओ शामिल हैं. तिथि भोजन कराने में नालंदा, बेगूसराय, पटना, अररिया, समस्तीपुर अग्रणी माने गये हैं. जानकारी के अनुसार कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में तिथि भोजन का कंसेप्ट 2018 से है. हालांकि,

बिहार में इसका चलन 2022 के उत्तरार्ध में प्रभावी हुआ. इस योजना के तहत बच्चों के बीच सामुदायिक भागीदारी के साथ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है. तिथि भोजन में व्यक्ति विशेष को अपने स्तर पर भोजन कराना चाहते है. उस दिन रुटीन मध्याह्न भोजन की सरकारी हिस्सेदारी रोक दी जाती है. खुद स्कूल भी विभिन्न विभिन्न समुदायाँ में वैसे व्यक्तियों की तलाश करता है जो बच्चों को स्वेच्छा से तिथि भोजन करा सकते हैं. ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए वार्षिक समारोह या दिवस पर सम्मानित करने का भी प्रावधान है. पिछले एक साल से मध्याह्न भोजन निदेशालय ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये हैं.
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