सिलेबस पूरा करने का दबाव, शिक्षकों की चुनावी ड्यूटी से बढ़ी चुनौती
छपरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में 11 से 20 सितंबर तक होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा को लेकर इस बार विभागीय सख्ती चरम पर है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ और क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजदेव राम के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांत किरण ने 31 अगस्त तक हर हाल में सिलेबस पूरा कराने का आदेश दिया है। इसके लिए रोज़ाना कक्षावार प्रगति रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। हालांकि, सिलेबस पूरा कराने की इस दौड़ में एक नई चुनौती सामने आ गई है। मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में शिक्षकों को बूथ स्तरीय पदाधिकारी (बीएलओ) की ड्यूटी में लगाया गया है।
ऐसे में उनके वर्ग के छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा कराने की जिम्मेदारी अब विद्यालय के अन्य शिक्षकों पर आ गई है। कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने माना कि अतिरिक्त भार के कारण कक्षाओं का संचालन प्रभावित हो रहा है। 15 अगस्त के पहले इंफ्रास्ट्रक्चर को कर लेना था दुरुस्त उधर, डीईओ ने स्वतंत्रता दिवस से पहले सभी विद्यालयों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, लाइट-पंखा, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास और साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया था। साथ ही 15 अगस्त को विद्यालय का फोटो ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करना भी अनिवार्य किया गया था। इसके लिए आपातकालीन मद से 50,000 रुपये तक खर्च की अनुमति दी गई थी। पदाधिकारी का आदेश भी कई स्कूलों में बेअसर लेकिन, ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कई विद्यालयों में बिजली कनेक्शन, पंखे, टेबल-बेंच, स्मार्ट क्लास उपकरण और पुस्तकालय जैसी सुविधाएं अब भी अधूरी हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अफसरों के आदेश को अमलीजामा पहनाने की रफ्तार बेहद धीमी है। डीईओ निशांत किरण ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि 15 अगस्त के बाद होने वाले निरीक्षण में अगर कमियां पाई गईं तो जिम्मेदार पदाधिकारियों और प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी। साथ ही निर्देश दिया गया है कि सभी विद्यालयों में प्रत्येक छात्र को नोट्स, मॉडल प्रश्न पत्र और अभ्यास सामग्री उपलब्ध कराई जाए तथा शिक्षकों का कोई भी बकाया भुगतान लंबित न रहे। अब देखना यह है कि विभाग की सख्ती और समय-सीमा के बीच विद्यालय प्रशासन सिलेबस, अधोसंरचना और अन्य व्यवस्थाओं को समय पर दुरुस्त कर पाता है या नहीं।