50 व 75 हजार के फेर में फंसा हेडमास्टर का प्रभार

 50 व 75 हजार के फेर में फंसा हेडमास्टर का प्रभार




सहरसा, कुमार नीरज। प्रमंडल के प्रभारी हेडमास्टरों 50 हजार व 75 हजार रूपये के कंपोजिट ग्रांट की राशि के फेर में नवनियुक्त हाईस्कूल के हेडमास्टरों को प्रभार नहीं दे रहे हैं। कोसी प्रमंडल के सहरसा, मधेपुरा व सुपौल के विभिन्न हाईस्कूलों में नियुक्त 281 हेडमास्टरों की तकनीकी ज्वाइनिंग के बाद भी अधिकांश को प्रभार नहीं मिला है। विभागीय जानकारी के मुताबिक अभी सभी स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट के तहत स्कूल की क्षमता के अनुसार खर्च के लिए 50 हजार व 75 हजार रूपये की राशि आवंटित हुई है। विभाग द्वारा राशि आवंटित तो की जा चुकी है लेकिन तकनीकी कारणों से अभी तक स्कूलों के खाते में राशि नहीं गई है।
बताया जा रहा है कि यह राशि जल्द ही खाते में चली जाएगी। इसी राशि के कारण स्कूल के हेडमास्टरों का प्रभार भी फंस गया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अधिकांश प्रभारी हेडमास्टर चाहते हैं कि यह राशि उनके प्रभार में ही खर्च हो जाए तो बेहतर होगा।उसके बाद वे नवनियुक्त हेडमास्टरों को प्रभार दे देंगे। हालांकि आरडीडीई ने हेडमास्टरों की तकनीकी ज्वाइनिंग के बाद ही प्रभार देने का निर्देश दिया था। उसके बाद उन्होंने डीइओ को भी समीक्षा करने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि डीइओ द्वारा जल्दी ही समीक्षा की जाएगी। प्रभारी हेडमास्टरों को लगेगा झटका: आरडीडीई ने साफ कर दिया है कि प्रभारी हेडमास्टरों को तकनीकी ज्वाइनिंग के बाद ही प्रभार दे देना चाहिए। अगर उन्होंने अब तक प्रभार नहीं दिया है तो उनपर विभागीय कार्रवाई हो सकती है। जहां तक विद्यालय में विभिन्न मद की राशि खर्च करने का सवाल है तो वह नवनियुक्त हेडमास्टरों द्वारा ही किया जाएगा। सभी स्कूलों के प्रभारी हेडमास्टरों को प्रभार देने के लिए निर्देश दिया जा चुका है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी को समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। 385 स्कूलों में से 281 में दिया योगदान: कोसी प्रमंडल के सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में 385 उत्क्रमित उच्च व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। जिसमें से बीपीएसी के माध्यम से 329 हेडमास्टरों का चयन हुआ। 56 चयनित हेडमास्टरों ने नियुक्ति पत्र नहीं लिया।जबकि 48 हेडमास्टरों ने नियुक्ति पत्र लेने के बाद योगदान नहीं दिया।281 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हेडमास्टरों ने योगदान दिया।विभागीय जानकारी के मुताबिक उसमें से 70 प्रतिशत को अभी तक हेडमास्टर का प्रभार भी नहीं मिला है। कहते हैँ आरडीडीई: प्रभार नहीं देना गंभीर मामला है। तकनीकी ज्वाइनिंग के बाद ही प्रभारी हेडमास्टरों को प्रभार दे देना चाहिए। स्कूल के विभिन्न मद की राशि प्रभारी हेडमास्टरों द्वारा नहीं नवनियुक्त हेडमास्टरों द्वारा खर्च किया जाएगा। प्रभार नहीं देने की शिकायत आने पर प्रभारी हेडमास्टर को निलंबित किया जाएगा। अमित कुमार, आरडीडीई
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